सरना ने विरासती सिख संस्थानों के पतन के लिए कालका और सिरसा को जिम्मेवार ठहराया

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
नई दिल्ली: शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके वास्तविक बॉस एमएस सिरसा जुण्ली के कुप्रबन्धन को विरासती सिख संस्थानों की बर्बादी के लिए दोषी मानते हुए दिल्ली की संगत से इनके पूर्ण बहिष्कार की अपील की है।

उन्होंने कहा, हाल ही में अदालत के निर्देश ने शिक्षण संस्थानों के लंबे समय से लंबित वेतन बिलों का भुगतान करने में मौजूदा प्रबन्धकों की असमर्थता को उजागर किया और दिल्ली सरकार को इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की सलाह दी है जो कि समुचे सिख जगत के लिए शर्मसार करने वाली बात है। सः सरना ने कहा हमारे कार्यकाल के दौरान, हमने वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की और 2013 में पद छोड़ने पर सरकारी खजाने में 120 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि छोड़ी। बावजूद इसके कालका और उनके वास्तविक बॉस सिरसा के नेतृत्व में, आज हालात यह हो गये कि डीएसजीएमसी अब 311 करोड़ रुपये के भारी कर्ज और 4 करोड़ रुपये के भारी मासिक घाटे से जूझ रही है।

गंभीर परिस्थितियों के मद्देनजर, सरना ने मांग की कि कालका और उनकी टीम तुरंत डीएसजीएमसी में अपने पदों से हट जाए। इसके अलावा, बढ़ते कर्ज का भुगतान करने के लिए इन व्यक्तियों की निजी संपत्तियों की नीलामी की जानी चाहिए, जो मुख्य रूप से गुरुद्वारे के धन के गबन का परिणाम है। उन्होंने कालका और सिरसा के पूर्ण की रक्षा और पुनर्निर्माण के लिए एकजुट होने की अपील भी की है।