स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिंदुत्व की बढ़ती लहर के कारण आज सम्पूर्ण देश नवोत्थान की ओर अग्रसर है। राष्ट्र जीवन का हर क्षेत्र प्रगति के पथ पर है और वैश्विक जगत भी अब भारत को एक आशा की किरण के रूप में देख रहा है। अब हम समाज को अवैध धर्मांतरण के कलंक से मुक्ति तथा हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करके रहेंगे। धर्मांतरण कारी ईसाई मिशनरियों और इस्लामिक जिहादी तत्वों को भी अब समझना होगा कि उनके कुत्सित षडयंत्र अब सफल नहीं हो पाएंगे। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने सम्पूर्ण विश्व में एक नवीन चेतना व ऊर्जा का संचार किया है। जिहादी आतंकवाद व नक्सलवाद पर नकेल तथा देश के शत्रुओं को स्वदेशी तकनीकी से करारे जबाव ने प्रत्येक भारतीय को अपनी कर्मठ सरकार व सशक्त नेतृत्व के प्रति गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि देश के दर्जनभर राज्यों में धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून व उसके कड़ाई से पालन करने वाली सरकारों के बावजूद चर्च और जिहादी तत्व, लगातार, भोले भाले हिंदू समाज को, छल या बल पूर्वक धर्मांतरित करने से बाज नहीं आ रहे। साथ ही, मस्जिदों व मदरसों में बढ़ती बच्चों के साथ व्यभिचार व अलगाववाद की घटनाएं भी किसी कलंक से कम नहीं। अब लव जिहाद समेत इस प्रकार की सभी घटनाओं पर उन्हें पूर्ण विराम लगाना ही होगा अन्यथा सरकार ही नहीं समाज भी इनसे निपटना अच्छी तरह जानता है। इन मामलों में चर्च व मुस्लिम संगठनों को भी आत्म चिंतन की आवश्यकता है।
डॉ जैन ने कहा कि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण हिंदू समाज के साथ एक धोखा है। मंदिरों की संपत्ति व प्रबंधन पर कुठाराघात हों या आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर के प्रसाद की बात हो और या फिर अभी हाल ही में, बंगाल सरकार द्वारा दीघा के जगन्नाथ धाम के प्रसाद की ठेकेदारी हलाल व्यापारियों को देने की बात हो, ऐसी अनेक घटनाओं से स्वत: सिद्ध होता है कि सेक्युलर सरकारें हिंदू आस्थाओं का सम्मान नहीं कर सकतीं।
इसलिए 5 जनवरी को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से प्रारंभ हुए मंदिर मुक्ति के अभियान को अब हम जन जन का अभियान बना कर अपने धर्मस्थलों को स्वाधीन कर हिंदू समाज को सौंपेंगे। सभी राज्य सरकारों को अविलंब इस बारे में आगे आना चाहिए।
सदियों से चली आ रही हमारी कांवड़ यात्रा राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रीय एकता, एकात्मकता, समरसता व पर्यावरण संरक्षण की प्रतीक रही है। भगवान् भोले की भक्ति में सराबोर हिंदू, जब देवी स्वरूपा, पवित्र नदियों का जल भरकर, जमीन पर रखे बिना, सात्विक भाव से, अनथक सैकड़ों किलो मीटर की यात्रा पूर्ण कर जब शिवालय पहुंचता है तो वह जल समरस समाज व राष्ट्रीय एकात्मता का अमृत बन जाता है। इस पूरे मार्ग में, जाति, भाषा, भूषा, प्रांत, क्षेत्र इत्यादि के सभी भेद निर्मूल होकर इन करोड़ों लोगों की एक ही पहचान होती है कि वे हिंदू हैं और भोले बाबा के भक्त हैं।
एक ओर सम्पूर्ण हिंदू समाज, ऐसी कठिन व साधना पूर्ण यात्रा करने वाले कांवड़ियों के लिए मार्ग में पलक पांवड़े बिछा कर सेवा करता है तो वहीं कुछ इस्लामिक जिहादी तत्व अपनी हलाली मानसिकता से बाज नहीं आते। अपनी पहचान छुपा कर, थूक जिहाद व मूत्र जिहाद जैसे षड्यंत्र पूर्वक आघातों को हिंदू समाज अब और बर्दाश्त नहीं करेगा। मुस्लिम संगठनों को इस संदर्भ में आगे आ कर, ऐसे सभी लोगों पर लगाम लगानी चाहिए।
हमें आशा है कि इस संबंध में सरकार द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों का सभी संबंधित पक्षकार कड़ाई से पालन कर किसी भी प्रकार का विवाद खड़ा नहीं होने देंगे।