क्या सिख फोरम इंटरनेशनल का गठन सिखों के दोषियों के सम्मान के लिए किया गया है? इस सवाल का जवाब इसके प्रबंधकों को देना चाहिए। क्योंकि जून 1984 में श्री दरबार साहिब पर हुआ सैन्य हमला सिख समुदाय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जब भी घल्लूघरा सप्ताह आता है, पूरा सिख समुदाय अपने शहीदों को गहरी भावना से याद करता है और अतीत तथा भविष्य पर विचार करता है। ऐसे समय में श्री दरबार साहिब पर हमला करने का कानूनी आदेश देने वाले भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के सहायक तरलोचन सिंह को, जिनका यह दावा रहा है कि उन्हें पूछें बिना राष्ट्रपति कोई हस्ताक्षर नहीं करते थे, को इंग्लैंड के एक संगठन सिख फोरम इंटरनेशनल द्वारा "साल के सर्वश्रेष्ठ सिख" की उपाधि देना, इस कृत्य को शालीनता से न्यायोचित ठहराने जैसा है। हालांकि यह सब निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह सिख फोरम इंटरनेशनल के इरादों और उद्देश्यों के बारे में विभिन्न संदेह भी पैदा करता है।
उधर मंच के इस कार्यक्रम को लेकर जब ईमानदार सिख संगठनों और हस्तियों ने सवाल उठाए तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद पर बैठे हरमीत सिंह कालका ने तरलोचन सिंह जैसे संदिग्ध का पक्ष लेते हुए उनके विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। क्या हरमीत सिंह कालका भी अपने दादा के नक्शे कदम पर चल रहे हैं ? क्योंकि कालका के दादा ने श्री अकाल तख्त साहिब के सरकारी निर्माण में हिस्सा लेकर तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह का पक्ष लेते हुए पूरी सिख कौम की भावनाओं के खिलाफ जाकर माथे पर कलंक लगाया था। इसी तरह सरकारी संरक्षण से दिल्ली कमेटी की कमान संभालने वाले हरमीत सिंह कालका अपने दादा की तरह लगातार कौम को धोखा दे रहे हैं तथा दिन-ब-दिन निचले स्तर पर गिरते जा रहे हैं। हरमीत कालका और तरलोचन सिंह सिख समुदाय को स्पष्ट करें कि उनके तहत दिल्ली के स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में सक्षम सिखों को छोड़कर गैर-सिखों की भर्ती के लिए सिख समुदाय को छुरा घोंपने के बजाय उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है ?
कालका को अपने कार्यों के लिए न केवल श्री गुरु ग्रंथ साहिब तथा पूरे खालसा पंथ से माफी मांगनी चाहिए बल्कि अपनी पंथ द्रोह वाली हरकतों से बचते हुए गुरुद्वारा व्यवस्था और बर्बादी की कगार पर पहुंच चुकी शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।यह शब्द वरिष्ठ अकाली नेता व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जत्थेदार बलदेव सिंह रानी बाग ने प्रेस को जारी बयान के माध्यम से व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि हरमीत सिंह कालका को यह स्पष्ट करना चाहिए कि तरलोचन सिंह की कौम के प्रति की गई कौन सी सेवाओं के लिए वह उन्हें "वर्ष का सर्वश्रेष्ठ सिख" पुरस्कार प्राप्त करने का हकदार मानते हैं?