स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
शिरोमणि कमेटी व शिरोमणि अकाली दल पंथ की सर्वोच्च नुमाईंदा जत्थेबंदी: सरना
नई दिल्ली, 26 जून: शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा है कि पंजाब सरकार अपने ओच्छेपन का दिखावा करते हुए जानबूझकर सिखों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप कर रही है।
यहां जारी एक बयान में सरदार सरना ने कहा कि शिरोमणि कमेटी व शिरोमणि अकाली दल पंथ की सर्वोच्च नुमाईंदा जत्थेबंदी है लेकिन पंजाब सरकार सिख विरोधी मानसिकता से ग्रसित है इसलिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल हाउस के संबंध में जो बयान आया है वह बेहद निंदनीय है। गुरु साहिबान ने सिख कौम को मीरी-पीरी का सिद्धांत दिया है और शिरोमणि कमेटी इसी पर डट कर पहरा देते सिख कौम के धार्मिक मामलों को उठाती है तथा राजनीतिक मामलों पर भी कमेटी ने लगातार पैरवी की है। शिरोमणि अकाली दल पंजाब की 100 साल पुरानी पार्टी है जिसकी नींव कौम की नुमाईंदगी के रूप में रखी गई थी इसलिए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी इसकी कोर कमेटी व पंथक कमेटी के सदस्य हैं। उन्हें अपनी पार्टी की मीटिंग में शामिल होने का पूरा अधिकार है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा पंजाब सरकार की कमान दिल्ली में बैठे इनके आकाओं के हाथों में है तथा छोटे-बड़े सभी फैसले दिल्ली दरबार में ही होते हैं। बीते 70 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सत्तारूढ़ दल ने चीफ व्हीप को कैबिनेट का दर्जा देकर विधानसभा में कार्यालय देकर खज़ाने से लूटपाट की हो।
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को नसीहत देते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने उन्हें शिरोमणि कमेटी के कार्यों में हस्तक्षेप करने के लिए नही चुना बल्कि जनकल्याण के काम करने के लिए चुना है। इसलिए उनकी सरकार को शासन व कानून व्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो पूरी तरह से चरमराई हुई है।