जस्सा सिंह रामगढ़िया की शताब्दी समागम में दिल्ली की संगत ने बढ़चढ़ कर लिया भाग



स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
शताब्दी समागम यादगार साबित होंगे: परमजीत सिंह सरना

शिरोमणी कमेटी और शिरोमणी अकाली दल को कमजोर करने वालों को दिल्ली की संगत ने दिया जवाब

नई दिल्ली, 18 अप्रैल: महान सिख जरनैल जस्सा सिंह रामगढ़िया की तीसरी शताब्दी मनाते हुए शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी और शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई द्वारा संयुक्त रुप से दिल्ली में कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज हरि नगर खेल परिसर में शाम से लेकर देर रात तक कीर्तन समागम करवाए गये जिसमें हजारों की संख्या में संगत ने शामिल होकर गुरु महाराज की खुशियां प्राप्त कीं। पंथ के प्रसिद्ध कीर्तनीय जत्थों ने पहुंचकर गुरबाणी कीर्तन संगत को श्रवण करवाया। प्रचारकों ने जस्सा सिंह रामगढ़िया द्वारा दिल्ली फतेह के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए संगत को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

कीर्तन समागम में शिरोमणी अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, शिरोमणी कमेटी अध्यक्ष हरजिन्दर सिंह धामी, राजिन्दर सिंह मेहता, गुरचरन सिंह गरेवाल, गोबिन्द सिंह लोंगोवाल, हीरा सिंह गाबड़िया, जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष करतार सिंह चावला सहित उनकी समुची टीम के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी सदस्यगण और अनेक पंथक और राजनीतिक शख्सीयतों ने हाजरी भरी। 

मंच का संचालन शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह द्वारा करते हुए दिल्ली और देशभर के सिखों को पंथ की ताकत मजबूत करने के लिए शिरोमणी अकाली दल और शिरोमणी गुरुद्वारा कमेटी को मजबूत करने की अपील की।

सः परजीत सिंह सरना ने अपने संबोधन के दौरान दिल्ली की संगत का आभार प्रकट किया जिन्होंने तपतपाती गर्मी के बावजूद 20 किलोमीटर के रुट पर निकाले गये नगर कीर्तन में भाग लिया और जगह-जगह पर नगर कीर्तन का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा पंथ दोषियों ने कई तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर कार्यक्रमों में बाधा डालने की नापाक कोशिशें की मगर दिल्ली की संगत ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा सिख देश में अल्पसंख्यक हैं, इसलिए शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व शिरोमणि अकाली दल का मजबूत होना अति आवश्यक है क्योंकि जब भी कौम पर कोई विपदा आती है तो शिरोमणी अकाली दल सिखों की आवाज बनकर आगे आता है। उन्होंने कहा कि सिक्खी को कमज़ोर करने वालों की हमेशा यही मंशा रही है कि सिखों को शिरोमणि कमेटी व शिरोमणि अकाली दल से कैसे अलग किया जाए। ऐसी स्थिति में समूची सिख कौम को सुचेत होकर इन जत्थेबंदियों को मजबूत करने के लिए आगे आना चाहिए।