शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के युवा नेता जसमीत सिंह( पीतमपुरा) ने डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को पुनः पैरोल मिलने पर देश के कानून पर सवाल उठाये हैं, उन्होंने कहा बड़ी हैरानी की बात है कि इस देश में लगता है कि दो कानून काम कर रहे हैं शायद इसी के चलते संगीन आरोपों में सजा काट रहे मुजरिम पैरोल पर बाहर आ जाते हैं पर अपनी सजा पूरी करने के पश्चात भी कई सिख कैदियों की रिहाई तो दूर उन्हें पैरोल तक नहीं दी जाती।
सः जसमीत सिंह पीतमपुरा ने कहा पर इससे भी बड़ी हैरानी तब होती हैं जब खुद को पंथक कहलाने वाले सुखदेव सिह ढींडसा, मनजिन्दर सिंह सिरसा, बीबी जागीर कौर, हरमीत सिंह कालका जैसे लोग मुंह पर ताला लगाये सब कुछ देखते रहते हैं कोई इस पर एक भी शब्द बोलने की हिम्मत तक नहीं करता। उन्होंने कहा मेरी इन नेताओं से गुजारिश है अब कौम को और धोखा न दें यां तो पंथक नेता वाला नकाब उतार कर फंेक दें यां फिर पंथक मुददों पर खुलकर सामने आएं और सरकार और कानून व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठायें।
सः जसमीत सिंह पीतमपुरा ने कहा हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना द्वारा इस घटना की निन्दा करते हुए इसके खिलाफ रोष प्रकट किया जा रहा है और जल्द ही देश के कानून मंत्री से समय लेकर इस मसले को उठाया जायेगा।