1984 पीड़ितों की कानूनी लड़ाई के लिए शिरोमणि अकाली दल से मांगी मदद
जल्द ही भोगल को मिल सकती है अहम जिम्मेवारी
नई दिल्ली, 19 दिसंबर: शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल ने सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात की तथा 1984 कत्लेआम पीड़ितों के इन्साफ की लड़ाई में कानूनी सहायता के लिए मांग की। इस मौके पर दिल्ली कमेटी के पूर्व सदस्य गुरदेव सिंह भोला भी मौजूद रहे।
जत्थेदार भोगल ने बताया कि वह शिरोमणि अकाली दल के हमेशा सिपाही रहे हैं। उनके पिता भी पार्टी में कई अहम पदों पर रहे मगर बीते दिनों 1984 कत्लेआम पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की सोच के चलते वह भाजपा में शामिल हुए थे क्योंकि उन्हें लगा था कि भाजपा कातिलों को सजाएं दिलाने में अहम भूमिका निभायेगी पर अफसोस ऐसा नहीं हुआ इसलिए उन्होंने अपनी मां पार्टी में वापसी की और आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से मिलकर पीड़ितों को इंसाफ दिलाने हेतु कानूनी मदद मुहैया करवाने की अपील की। जिस पर स. बादल ने उन्हें आश्वसत किया है कि पार्टी हर तरह की कानूनी सहायता उन्हें देगी ताकि कातिलों के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में किसी तरह की ढीलाई न हो। स. भोगल ने आगे कहा कि कातिलों की पहचान होने के बाद भी पता नहीं क्यों उत्तर प्रदेश सरकार कातिलों को बचाने का प्रयास कर रही है लेकिन वह अपने अंतिम श्वास तक लड़ाई को जारी रखेंगे तथा कातिलों को सलाखों के पीछे भेजकर ही दम लेंगे।
जत्थेदार भोगल ने कहा कि भाजपा की दोहरी राजनीति के चलते ही दिल्ली नगर निगम चुनावों मंे सिखों का वोट भाजपा को नहीं मिला व ज्यादातर सीटों पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने कहा कि परमजीत सिंह सरना के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव से पहले प्रेस वार्ता कर दिल्ली के सिखों को जागरूक करने का प्रयास किया और सिखों ने उनकी बात पर गौर फरमाते हुए भाजपा को सबक सिखाया, यदि भाजपा को समझ नहीं आई तो ऐसा ही हश्र 2024 के चुनावों में भी होगा।