स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सिख वेश में सिख विरोधी साजिशों को अंजाम देने वालों पर फटकार लगाई
नई दिल्ली/09अक्टूबर: सरदार परमजीत सिंह सरना की अगुवाई में अकाली दल की दिल्ली इकाई के शिरोमणी अकाली दल के साथ एकजुट होने से पंथक और पंजाब की धार्मिक -राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया तथा महत्वपूर्ण मोड़ आया है।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने इस घटनाक्रम को सिख और पंजाब की धार्मिक तथा राजनीति में निर्णायक गेम चेंजर करार देते हुए जत्थेदार सरना को पार्टी की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया तथा उनसे पूरे पंथ को एक पंथक झंडे के नीचे सभी को एकजुट करने के अभियान की अगुवाई करने का आग्रह किया। उन्होने सरदार सरना से अन्य पार्टी की इकाइयां बनाने के लिए कहा। सरदार सरना ने इस अवसर पर अपने भाषण में ‘‘ सिखों के गददारों और काली भेड़ों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि इन कठपुतलियों और उनके आकाओं की हरकतों ने सिख पंथ में निराशा की लहर दौड़ गई है ’’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने उन गददारों पर जमकर निशाना साधा ,जिन्होने सिखों के दुश्मनों को बढ़ावा देने और इसे लागू करने के लिए सिख वेश में काम किया’’। उन्होने कहा, ‘‘ सिख समुदाय में गृहयुद्ध छेडने के लिए कुटिल साजिशें रची जा रही हैं। उन्होने सरदार सरना और उनकी पूरी टीम और समर्थकों को इस नेक काम को अपना अटूट समर्थन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा , ‘‘ एकता ही इन साजिशों को पराजित करेगी’’।
सरदार बादल ने कहा कि संकट के दौर ने हमेशा खालसा पंथ को एकजुट किया है। उन्होने कहा, ‘‘ आज खालसा पंथ और उसके ऐतिहासिक संस्थानों पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से दुश्मन हमला कर रहे हैं, जो हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा कमेटी को वैध ठहराकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़कर पंथ को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होने कहा कि बाहरी हमले और आंतरिक तोड़फोड़ से लडने के लिए एकता की आवश्यकता है’’।
इस अवसर पर सरदार परमजीत सरना ने कहा कि उन्होने अकाली दल को कभी नही छोड़ा और अब भी वे पार्टी के एक सिपाही हैं। उन्होने कहा, ‘‘ मैने हमेशा पंथ की भलाई के लिए काम किया है और आज मुझे जो नई जिम्मेदारी सौंपी गई है उसके माध्यम से ऐसा करना जारी रखूंगा’’। उन्होने कहा कि जिन लोगों को पार्टी की टिकट पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (डीएसजीएमसी) का चुनाव लड़ने के बाद विश्वासघात किया है, उन्हे पंथ से माफी मांगनी चाहिए और पार्टी में वापिस आना चाहिए।
इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी,सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ,सरदार सुखविंदर सिंह बब्बर और बीबी रंजीत कौर ने भी भाषण दिया।