गुरुपर्व समारोह के नाम पर सिरसा-कालका ने किया करोड़ों का घपला : शिअदद
 

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली

- शिअदद ने घोटाले की निंदा और उच्च स्तरीय जांच की मांग की

- अगामी 20-21 अप्रैल को लाल किले में गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर होने हैं कार्यक्रम

नई दिल्ली, (18 अप्रैल): शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) ने लाल किले पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 400 वें प्रकाश पर्व पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में करोड़ों रुपए टेंडर घोटाले की तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में मनजिंदर सिंह सिरसा और हरमीत सिंह कालका द्वारा करोड़ों रुपए के टेंडर घोटाले का खुलासा करने की बात सुर्खियों में आई है। उक्त टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी 20-21 अप्रैल को लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) को 5 करोड़ रुपए की बजट की मंजूरी दी गई है। डीएसजीएमसी ने टेंडर जारी करने से पहले ही कथित रूप से पंजाब टेंट हाउस नाम से एक फर्म को करोड़ों रुपये के पंडाल का काम करते हुए दिखाया।

इस संबंध में शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक और ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे सिरसा और कालका ने पंडाल का काम करने से पहले ही सरकारी धन की बंदरबांट करने की साजिश रची। असल में उन्होंने पहले ही इस बंदरबांट की योजना बना ली होगी और बाद में अपनी ही फर्जी कंपनियों को पैसा जारी करवाने की योजना बनाई। ये लोग सरकारी खजाने के पैसे को लूटने के लिए टेंडर प्रक्रिया के नाम पर महज कागजी कार्रवाई की है। असल में इन्होंने फर्जी कंपनी पंजाब टेंट हाउस के पहले ही डील तय कर ली थी, टेंडर तो महज एक दिखावा है।

पंथक नेताओं ने एक बार फिर से सिरसा द्वारा की गई गुरु की गोलख लूट व डीएसजीएमसी में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक उच्च स्तरीय सरकारी जांच की मांग की है। सरना ने कहा कि इस घोटाले में सरकारी धन को लूटने की साजिश की गई है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित कई सरकारी जांच एजेंसियों को इसपर तुरंत जांच शुरू कर आरोपियों पर मुकदमा चलाना चाहिए। सरना ने कहा कि अभी तक हुए घोटाले बताते हैं कि कैसे सिरसा और कालका राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।

पंथक नेताओं ने कहा कि अगर इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हुई तो सिरसा-कालका के छुपे हुए काफी राजों पर से पर्दा उठ जाएगा। वे न केवल सरकारी अनुदान बल्कि संगत द्वारा गुरु घर में दिए गए दसवंध में भी गबन कर रहे हैं। इन नेताओं ने कहा कि दोनों को डीएसजीएमसी में हुए सभी वित्तीय अपराधों के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए।