तेली समाज को ओबीसी की बजाय एन टी का आरक्षण के लिए जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली 

तेली समाज को ओबीसी की बजाय एन टी (NT)का आरक्षण लागू करने के लिए तेली समाज संगठन महाराष्ट्र के सरचिटणीस श्रीमान दिलीप खोंड, महाराष्ट्र के महिला अध्यक्ष श्रीमती लता कोलते 

महाराष्ट्र के सचिव श्रीमान प्रशांत चौधरी और अन्य समाज बंधू जंतर मंतर पर इस आदोंलन में उपस्थित थे । श्रीमान विलास बबन वावळ कई सालों से तेली समाज के परिवारों की प्रगति और विकास के लिए काम कर रहे है । तेली समाज के परिवारों को एकजुट करने के लिए बृहन महाराष्ट्र तेली समाज की स्थापना की । हमारे पूर्वज बताते थे की तेली समाज पहले एनटी कैटेगरी में समाविष्ट था लेकिन कुछ साल बाद हमारे समाज को ओबीसी कैटेगरी में समाविष्ट किया गया । और आरक्षण भी उसी प्रकार लागू किया गया । इन्होंने दरख्यास्त की है की, तेली समाज का फिर से एनटी (NT ) ही कैटेगरी में समावेश करें । तेली समाज के परिवारों को एनटी(NT) कैटेगरी का आरक्षण प्राप्त हो जिसकी वजह से तेली समाज में बहुत मदद होगी । इसी मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर 2 अक्टूबर 2021 के दिन धरना प्रदर्शन किया गया। खानाबदोश बेसहारा वर्ग से तेली समाज के लिए आरक्षण की मांग की जा सके इस लिए आज सब तेली समाज बांधव इकट्टा हुए है ।महाराष्ट्र के सचिव तेली समाज संगठन के प्रशांत चौधरी ने बताया कि भारत के अन्य राज्यों में भी तेली समुदाय को खानाबदोश वंचित श्रेणी एनटी(NT) से आरक्षण दिया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र राज्य में तेली समुदाय को ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण दिया जाता है । इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की भूमिका बृहन महाराष्ट्र तेली समाज संगठन ने निभाई है । राज्य मुंबई से लिया गया । राज्य में तेली समुदाय की एक बड़ी संख्या है यह उपजातियों में विभाजित है । प्रत्येक जाति का अपना संगठन है । तेली समुदाय की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण राज्य शिक्षा में पिछड़ा रहा है , इसलिए समाज को ओबीसी की जगह एनटी (NT) दिया जाए । बृहन महाराष्ट्र तेली समाज संघटना के राज्यस्तरीय अध्यक्ष विलास वाव्हल ने बताया कि वर्ग से आरक्षण दिया जाए तो समाज को न्याय मिलेगा और समाज का आर्थिक और सामाजिक विकास होगा । उन्होंने यह भी बताया कि समाज के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए तेली समाज समुदाय की सभी उप जातियों 40 तो 50 तेली समाज बंधू महाराष्ट्र से दिल्ली के जंतर मंतर पर इस आंदोलन में सहभागी हुए है।