स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
भगवान ने जिस इंसान को संसार मे भेजा है एक दूसरे की मदद करने के लिए कई बार उन्हें जरूरतमंदों का दुख दिखाई नही देता । उसी भगवान ने ऐसे इंसानों को भी भेजा है जिनको आखों से दिखाई तो नही देता लेकिन जिन्हें खून की जरूरत है उनका दर्द जरूर दिखाई देता है। ऐसे ही एक दिव्यांग ने नागरिक अस्पताल सोनीपत में रक्तदान कर इंसानियत का फर्ज निभाया । मनजीत जोकि गाँव रेवली के रहने वाले है जिन्हें आखों से दिखाई नही देता जिनकी बड़ी बहन बबिता भी दिव्यांग है जो चल फिर नही सकती । मनजीत ने उन्ही के गाँव के मास्टर अमित से रक्तदान करने की बाते सुनी जिससे उसके मन मे रक्तदान करने की प्रेरणा जाग्रत हुई । मनजीत ने अमित से जानकारी ली जिसके बाद माँ भारती रक्तवाहिनी के महासचिव प्रेम गौतम का नंबर मनजीत को दिया गया । मनजीत ने संस्था से सम्पर्क किया । प्रेम गौतम खुद अपनी मोटरसाईकिल से मनजीत को घर से बैठा कर नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक लेकर पहुचा और रक्तदान करवाया । प्रेम गौतम ने बताया कि मनजीत ने 16 दिन पहले हम से सम्पर्क किया था लेकिन इन्होंने 2 दिन पहले कोरोना वेक्सीन लगवा ली थी जिसके 14 दिन बाद रक्तदान किया जाता है । आज मनजीत का पहला रक्तदान हुआ है और मुझे खुद बहुत खुसी मिली है कि नवरात्रों में मुझे सेवा का अवसर मिला है । जब दिव्यांग रक्तदान करने से पीछे नही हटते तो हम तो फिर भी हर प्रकार से स्वस्थ है सक्षम है हमे भी हर 3 माह में खुद ब्लड बैंक जाकर रक्तदान करना चाहिए । साथ ही माँ भारती रक्तवाहिनी से राहुल ने आज अपने जन्मदिन पर अपने 2 दोस्त सुमित व व विक्रांत के साथ नागरिक अस्पताल में रक्तदान किया और समाज मे रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने में संस्था का सहयोग किया ।