सच

 


रचयिता मृदुला घई, अतिरिक्त केन्द्रीय 

भविष्य निधि आयुक्त है।

सच

कैसा सच


आधा सच

पूरा सच

कच्चा सच

पक्का सच

इसका सच

उसका सच

तेरा सच

मेरा सच


सच

कैसा सच


गर्भ में ही बेमौत

मरने का सच 

जात-पार प्रेम कर फाँसी

लटकने का सच

सती बन यूँ जिन्दा 

जलने का सच

खिलौने छिन बचपन में 

ब्याहाने का सच


सच

कैसा सच


बलात्कार झेल बेहिसाब 

टूटने का सच

विधवा हो इच्छाऐ

कुचलने का सच

डायन कहला पत्थर

खाने का सच

बाँझ हो दुत्कार 

सहने का सच


सच

कैसा सच


स्कूल से नाम कटा

कमाने का सच

भाई के लिए पेट 

काटने का सच

चुनाव जीत पति हिसाब

चलने का सच 

जीवंत से पूर्ण निष्क्रिय 

होने का सच



सच

कैसा सच


रुढ़ियों में बंघ पंख

कटने का सच 

दिली ख्वाइशे के खाक

होने का सच

निवाले से ख्वाबो तक 

मोहताज़ी का सच

फट्टे कपड़ो से इज्ज़त

ढकने का सच


सच

कैसा सच


सड़क पे बच्चा 

जनने का सच 

हर मोड़ तिरस्कार

झेलने का सच

घुट घुट के 

जीने का सच

हर क्षण ज़हर

पीने का सच 


सच

कैसा सच


पल पल टुटके

बिखरने का सच

हर बार बिखरके 

संभलने का सच

विषमताओं से पार 

पाने का सच 

हार कर जीत 

जाने का सच 

यूही ख्वाबो को

जीने का सच

औरत की असीम 

शक्ति का सच 


सच

कैसा सच


आधा सच 

पूरा सच 

कच्चा सच

पक्का सच 

इसका सच 

उसका सच 

तेरा सच 

मेरा सच 


सच

कैसा सच