नंदकिशोर बैरवा, नई दिल्ली
आचार्य समूह महाषि बालीनाथ ज्योतिष्य एवं संस्कार शिक्षण प्रशिक्षण संस्था( पंजी) राजस्थान के महासचिव भवानी शंकर गोठवाल के आगज चिरंजीलाल गोठवाल की मृत्यु के उपरांत नई पहल के तहत आदेश दिया गया है। कि रिश्तेदार कफन की जगह नारियल ले आये। 20 दिसंबर को एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि नुक्ता नहीं किया जाने इसके अलावा पैरावनी नहीं लेने तथा पगड़ी की रसम पर 100 रूपये से अधिक की राशि स्वीकार नहीं करने आसू पूछनी नहीं ना लेने और देने तथा विदाई पर बहन बेटियों को कपड़ों की जगह केवल 100 रूपये देने की घोषणा की गई। गोठवाल परिवार ने इस सभी शर्तों का अक्षरसह पालन किया ।
गोठवाल परिवार अपने पूर्वजों के पद चिन्हों पर चलते हुए मृत आत्मा की पत्नी शांति देवी के स्वर्गवास पर भी पहरावणी के निमित्त कपड़े ना लेने की पहल कीइसके अलावा भाई नंदकिशोर, मोहनलाल और केशव लाल के देहांत पर भी चिट्ठी नहीं फडी और अपने परिवार के साथ ही गंगा पूजन प्रसाद का कार्य महासभा के आदेश से कर एक अनुकरणीय कार्य किया। इस परिवार द्वारा स्थापित की गई यह परंपरा समाज के लिए मील का पत्थर है।समाज सुधार के लिए अच्छे पहल खाना एक बड़ी चुनौती होती है ।आचार्य समूह के कोषाध्यक्ष पंडित गोपाल लाल बैरवा द्वारा अपनी भाभी के देहांत पर मृत्यु भोज नहीं किया गया और नही चिट्ठी फाड़ी गयी।और ना ही रिश्तेदारों को ही बुलाया गया।यह समाज सुधारो के लिए एक बेहतर पहल है