राशन दुकानों की धांधली, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की मेहरबानी


डीएडी न्यूज नई दिल्ली
जन वितरण प्रणाली के तहत चल रहे राशन दुकानों की धांधली का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। इस व्यापक धांधली की जानकारी खाद्य आपूर्ति विभाग के सभी संविधत अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को है। या यह कहा जाए कि उनकी जानकारी में ही गरीबों के हिस्से का हक खुलेआम लूटा जा रहा है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। नियम अनुसार जो सामग्री सरकार से मिलती है उसे ही राशन की दुकानों पर उपलब्ध होना चाहिए परंतु बाहर से सस्ता सामान खरीद कर ग्राहकों को उपलब्ध करना आम बात हो चुकी है राशन की दुकानों को महीने में 21 दिन खुलना चाहिए परंतु मुश्किल से 4 या 5 दिन ही राशन दुकान आमतौर पर खुलती हैं दुकान खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक एवं श्ााम 3:00 से 7:00 तक का निर्धारित है लेकिन कोई भी राशन दुकानदार इस नियम का पालन नहीं करता। हर दुकान के बाहर दुकान का नाम लाइसेंसी का नाम नंबर एरिया के एफ एस ओ का नाम एवं मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए एस एफ ओ की जिम्मेदारी है कि वह राशन दुकानों को चेक करें कि किसी तरह की अनियमितता तो नहीं हो रही है परंतु ऐसा नहीं होता यह तो हो गई नियमों एवं शर्तों की बात पर इसकी आड़ में गरीब जनता के राशन का वारा न्यारा करने में सभी संवंधितअधिकारी एवं जनप्रतिनिधि तक पूरा सहयोग करते हैं क्योंकि उन्हें इसके बदले में उनका हिस्सा पहले से ही तय है। ऐसे में गरीब जनता जो अपने दो वक्त की रोटी की व्यवस्था में दिन रात लगी रहती है क्या करें किसके पास जाएं सरकार द्वारा उपलब्ध सामग्री का हेरा फेरी निर्धारित सामग्री से कम सामग्री देना चावल के बदले चीनी, चीनी के बदले गेहूं देकर खानापूर्ति करना यह सर्वविदित है कि इस राशन वितरण व्यवस्था की ईमानदारी से जांच कराई जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा और बड़ी-बड़ी मछलियां इसकी चपेट में होंगी लेकिन फिर सवाल उठता है कि यह कौन करें और क्यों करें क्योंकि इसमें तो सभी शामिल है।