सज्जन कुमार के मामले में धारा 302 का हटाने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : परमजीत सिंह सरना

 

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
दिल्ली कमेटी पर काबिज़ कालका-सिरसा जुंडली स्पष्ट तौर पर इसके लिए जिम्मेदार : सरना 

नई दिल्ली, 24 अगस्त : शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा है कि 1984 नरसंहार के मुख्य आरोपियों में से एक सज्जन कुमार के मामले में धारा 302 हटाने का फैसला बेहद दुर्भाग्यूपर्ण है। इस निर्णय से सिख कौम को गहरी चोट पहुंची है।

सरदार सरना ने कहा कि इसके लिए सपष्ट तौर पर जिम्मेवारी दिल्ली कमेटी पर काबिज़ मनजिंदर सिंह सिरसा व हरमीत सिंह कालका की बनती है क्योंकि जब से यह जुंडली दिल्ली कमेटी पर काबिज़ हुई है सब कुछ तहस-नहस कर दिया है। दिल्ली कमेटी ने जो वकील 1984 के केसों की पैरवी के लिए खड़े किए हैं वह अदालत जाकर कुछ बोले ही नहीं और न ही कोई दलीलें पेश कर सके। जिसके चलते पहले टाईटलर को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने का मौका मिल गया और अब सज्जन कुमार के मामले में धारा 302 हटाने का निर्णय आया है। इतना ही नहीं इनकी जुंडली का सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा गवाहों को गवाही देने से मना करने के लिए काम करता रहा है। इन सबके अलावा गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों का जो हाल इन्होंने किया है वह सबके सामने है। 

सरदार सरना ने आगे कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा जो कि स्वयं को सरकार के निकट समझते हैं, आज तक एक भी मामला सिखों का हल नहीं करवा सके। उन्होंने दिल्ली की संगत को अपील करते हुए कहा कि कालका व सिरसा की जुंडली एक के बाद एक कौम के लिए घातक साबित हो रहे हैं इसलिए ऐसे लोगों से सुचेत रहने की जरूरत है जो कि 84 के केसों को कमज़ोर करने के लिए स्पष्ट रूप से जिम्मेवार हैं।