गुरु हरिकृष्ण पब्ल्कि स्कूलों के स्टाफ का बकाया अदायगी मामले में कोर्ट की कालका और काहलो को फटकार

 

सिमरन कनौजिया नई दिल्ली 
इनकी नाकामी के चलते स्कूलों की मान्यता रदद होने के कगार पर

अपनी नाकामी के लिए कालका और काहलो को तुरन्त पद छोड़ना चाहिए: सरना, जी.के.

नई दिल्ली, 9 जून - गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों केे कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने में विफल रहने पर दिल्ली उच्च न्यायालय के कठोर फैसले के बाद डीएसजीएमसी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके कठपुतलियों को तुरन्त इस्तीफा दे देना चाहिए। 

शिरोमणी अकाली दल नेता परमजीत सिंह सरना एवं जागो पार्टी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने संयुक्त रुप से प्रैस कानफरेंस कर स्कलों की खस्ता हालत के दिल्ली कमेटी के मौजूदा प्रबन्धकों को जमकर लताड़ा। दोनों नेताओं ने कहा इनकी नाकामी के चलते आज हमारे बर्जुर्गों के द्वारा विस्तार में लाए गये स्कूल जो कि पंथ की विरासत हैं उनकी मान्यता रद्द करने के संकेत माननीय कोर्ट के द्वारा दिये गये हैं जो कि बेहद ही चिन्ता का विषय है। अगली तारीख 21 अगस्त की है जिसमें कालका और कालका को स्वयं कोर्ट में मौजूद रहकर अवमानना को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा पर कमेटी पर काबिज कालका और काहलो ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं। इन्होने अगर समय रहते स्कूलों को संभाल लिया होता तो शायद आज ऐसी परिस्थिति पैदा ना होती। 

सः परमजीत सिंह सरना और सः मनजीत सिंह जीके ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय अदालत ने डीएसजीएमसी द्वारा संचालित गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों में स्टाफ को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक हल्फनामा ना देने पर कमेटी के मौजूदा प्रबन्धकों पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस देते हुए अगले 4 सप्ताह में स्कूलों की यां तो मान्यता रद्द करने यां फिर प्रवेक्षक नियुक्ति करने के संकेत दे दिये हैं। अब यह शिक्षा विभाग पर निर्भर है कि वह या तो हमारे स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दे या उन्हें चलाने के लिए किसी तीसरे पक्ष के प्रशासक को नियुक्त करे। दोनों घटनाओं में, हम अपने स्कूलों को खोने के कगार पर खड़े हैं।

उपरोक्त नेताओं ने कहा कि अब जब कालका और उनके साथियों को अवमानना नोटिस जारी किया गया है और कर्मचारियों के प्रति अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ना चाहिए। ‘‘हम अपने स्कूलों और उनके कर्मचारियों की रक्षा करने और इन संस्थानों के गौरव को बहाल करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।