कालका व काहलों को जांच कमेटी गठित करनी है तो अपने ऐतिहासिक घोटालों से शुरूआत करें: हरविंदर सिंह सरना

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
 दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलों द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह राणा के खिलाफ गठित जांच कमेटी के बारे में मीडिया में दिये गये बयानों पर बोलते हुए दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स. हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि कालका व काहलों के बयान पढ़ कर आश्चर्य हुआ क्योंकि पुलिस बल की सहायता से गुरु ग्रंथ साहिब के निरादर के बाद काबिज़ हुए इन नाकाबिल लोगों ने शैक्षिणक संस्थानों का बुरा हाल कर दिया उसका जवाब संगत चाहती है, लाखों रुपये खर्च कर 5 साल पहले जिस अंतर्राष्ट्रीय संस्था से ऑडिट करवाया उसकी रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की क्योंकि इनके करोड़ों रुपये के घोटाले बाहर आ जाते । परमजीत सिंह राणा (पूर्व चेयरमैन धर्म प्रचार दिल्ली कमेटी) के खिलाफ तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है लेकिन इस मामले की शिकायत स्वयं सरदार राणा ने नार्थ एवेन्यु थाने में दी थी उसका निपाटारा भी हो चुका है।

स. सरना ने कहा कि वह पूछना चाहते हैं कि गढ़े मुर्दे उखाड़ने की बजाये कालका व काहलों को उनके काले कारनामों का हिसाब बताना चाहिए तथा उसके बारे में कमेटियांे का गठन करना चाहिए इन कमेटियों के सदस्य निरपक्ष हों, क्योंकि इनके द्वारा किये भ्रष्टाचार की सूची लंबी है।-

जत्थेदार अवतार सिंह हित जिनका स्वर्गवास हो चुका है वह कहते थे कि कालका के दादा ने पंथ के साथ गद्दारी करके दिल्ली में सरबत खालसा बुलाया था और उसके 9 लाख 44 हज़ार के नाजायज़ खर्चे पास करवाने के लिए हित साहिब के हाथ जोड़ता रहा, उम्मीद है कि इनकी भी जांच यह लोग करवायेंगे।

उन्होंने कहा कि अली बाबा चालीस चोर मंडली के नेता सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूर्व अध्यक्ष के एक हस्ताक्षर पर शामियाना/टेंट आदि पर लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च पारित किया था, जो 25 लाख से भी कम का था, क्या उस पर कार्रवाई की जाएगी।

जब विपक्षी सदस्यों के सामने कैश रजिस्टर दिखाने से मना कर दिया गया क्योंकि खजाने में से 40 लाख रुपये के करीब कम था जवाब देने की बजाये यह कार्यालय से कैशियर के साथ भाग गए, इस पर भी कमेटी गठित की जाएगी।

हरमीत सिंह कालका और मनजिंदर सिरसा से अंतरिम बोर्ड के सदस्य सरदार परमजीत सिंह राणा, कुलवंत सिंह बाठ, हरिंदरपाल सिंह, जतिंदर साहनी, हरमनजीत सिंह और मलकिंदर सिंह अंतरिम बोर्ड मीटिंग के मिनट मांगते रहे लेकिन इनकार कर दिया ताकि इनके घोटाले जग जाहिर न हों।

दिल्ली कमेटी के 4 खालसा कालेजों में लगभग 150 के करीब भर्तियां हुई थी अल्पसंख्यक स्टेटस के बावजूद 90 फीसदी गैर सिखों को नौकरी देकर सिखों के अधिकार छीन कर पंथ के साथ गद्दारी की। इनमें भी लाखों रुपये का घोटाला किया तथा अपने आकाओं को खुश करने में लगे रहे। 

 सुखो खालसा स्कूल जेल रोड की भर्ती में लाखों का घोटाला कर, सिखों को नौकरियां ना देकर पंथ के साथ गद्दारी की। 

केन्द्र सरकार से करोड़ो रुपये का फंड लेकर गुरु तेग बहादुर साहिब व भाई लक्खी शाह वणजारा के कार्यक्रमों में जहां कथित भ्रष्टाचार किया वहीं छमक-छमक व अश्लील नाच करवाकर मर्यादा का अपमान किया। 

गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल वसंत विहार और हरिगोबिंद एन्कलेव में मनजिंदर सिंह सिरसा व जसमेन सिंह नोनी द्वारा जिम घोटाले के बारे में भी कमेटी निश्चित बनानी चाहिए।

हरविंदर सिंह सरना ने इन मामलों के बारे में कहा कि मैंने केवल ट्रेलर दिखाया है, पिक्चर अभी बाकी है उम्मीद है कि दिल्ली कमेटी जल्द ही इन मुद्दों को लेकर निष्पक्ष समितियां बनाएंगे। अंत में उन्होंने कहा कि अफसोस है कि ना तो यह किसानों के, न पंजाब के , न पंजाबियत के, न धर्म के, न पंथ के और न ही गुरु ग्रंथ साहिब का आदर करते हैं लेकिन संगत को गुमराह कर संगत से ताकत लेकर सरकारों के चरणों में गिर गये। दिल्ली की संगत इनके कारनामों का हिसाब इन्हें जरूर देगी।