6 मार्च: शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा शिरोमणी अकाली दल के साथ मिलकर सः जस्सा सिंह रामगढ़िया के 300वें जन्मदिन को समर्पित होकर दिल्ली से श्री अकाल तख्त साहिब तक फतेह मार्च निकालने का फैसला लिया है जिसके चलते बीते दिनों शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना की सरप्रस्ती में हुई मीटिंग में मनजीत सिंह जीके को चेयरमैन नियुक्ति कर कमेटी बनाई है जो कि सारे कार्यक्रमों की रुपरेखा तय करेगी। इसी के चलते आज से मनजीत सिंह जीके ने अपने कार्यभार को संभालते हुए गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब स्थित शिरोमणी कमेटी कार्यलय में मीटिंग कर रुपरेखा तय करने हेतु विचार किये। मीटिंग में शिरोमणी कमेटी के पूर्व महासचिव राम सिंह, सदस्य गुरमिन्दर सिंह मठारु, शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष करतार सिंह विक्की चावला, दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा, सुखविन्दर सिंह बब्बर, जतिंदर सिंह सोनू, रामगढिया बैंक चेयरपर्सन रणजीत कौर, अकाली नेता प्रितपाल सिंह कपूर, भूपिन्दर सिंह पी आर ओ, सुरिन्दर सिंह समाना सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
मनजीत सिंह जीके ने बताया कि 20 मार्च से जरनैली फतेह मार्च निकाला जायेगा जो कि दिल्ली के सभी जोन में होता हुआ हरियाणा, पंजाब के रास्ते आनन्दपुर साहिब होता हुआ श्री अकाल तख्त साहिब पर 4 अप्रैल को संपन्न होगा। इससे पूर्व दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में संगत को इसकी जानकारी देने हेतु कार्यक्रम किये जायेंगे। जरनैली फतेह मार्च में गुरु ग्रन्थ साहिब की पालकी के इलावा जस्सा सिंह रामगढ़िया के द्वारा मुगल हकूमत का खात्मा कर तख्ते ताज जो श्री दरबार साहिब में रखा गया है उसे भी संगत के दर्शनों के लिए रखा जायेगा। इसके अतिरिक्त सिख इतिहास एवं गुरु साहिबान के समय के शस्त्र भी फतेह मार्च का हिस्सा होंगे। मनजीत सिंह जीके ने कहा कि सिखों का पारंपरिक खेल गतका भी इसमें खेला जायेगा जिसके लिए निहंग जत्थेबंदीयों और गतका पार्टियों से संपर्क किया जायेगा।
मनजीत सिंह ने बताया कि शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के द्वारा संगत के सहयोग के साथ इसका आयोजन किया जा रहा है और इसका मकसद सिर्फ यही है कि अपनी युवा पीढ़ी को बताया जा सके कि कौन थे सः जस्सा सिंह रामगढ़िया और उन्होंने कैसे मुगल हकूमत का खात्मा कर दिल्ली को आजाद करवाया था। दिल्ली के लाल किले पर केसरियां निशान साहिब झुलाया गया। तीस हजारी कोर्ट आज जहां स्थित है वहां तीस हजार घोड़े लाकर सिख सैनिकों ने बांधे थे। मोरी गेट से मोरी कर सिख फौज दिल्ली में दाखिल हुई थी और पुल मिठाई पर जीत के जश्न की एवज में मिठाईयां बांटी गई थी। उन्होंने कहा हमारी युवा पीढ़ी इन सब बातों से पूरी तरह अन्जान है इसलिए उन्हें जागरुक करना अति आवश्यक है।