गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह पर दिल्ली कमेटी सिर्फ राजनीति कर रही है : सरना

स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली
- सरना ने बताया, नौलखा स्थित गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह का मामला पुराना है

- कहा, गुरुद्वारे के विवादित स्थल पर वहां के गुरुद्वारा प्रशासन ने जड़ा है ताला

नई दिल्ली, 13 दिसंबर। पाकिस्तान के नौलखा स्थित गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) और मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा जो प्रचार किया जा रहा है वह तथ्यों से परे है। दरअसल ये विवाद वर्षों पुराना है और इस विवाद को सुलझाने के लिए वहां स्थित गुरुद्वारा के प्रबंधकों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह कहना है शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना का। उन्होंने बताया कि असल में जो लोग प्रेस वार्ता कर इसपर चर्चा कर रहे हैं ये कभी पाक स्थित शहीद भाई तारू सिंह के शहीदी स्थल पर गए ही नहीं हैं। वहां पर जो ताला जड़ा गया है वह वहीं के गुरुद्वारा प्रबंधकों द्वारा लगाया गया है, जिसकी चाबी भी उन्हीं के पास है। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा शहीद तारू सिंह के एक स्थल को लेकर ही कुछ विवाद 1945 से चला आ रहा है, जिसपर कानूनी और प्रशासनिक लड़ाई जारी है। 

वहीं हरविंदर सिंह सरना ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि ‌विपक्षी दलों द्वारा शहीद तारू सिंह के स्थल की तुलना बाबरी मस्जिद के साथ की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बाबर एक हमलावर बनकर यहां आया था और मस्जिद बनवाई थी। जबकि तारू सिंह ने गुरु की केश को बचाने के लिए अपनी शहादत दी थी, इसका बाबरी मस्जिद के साथ कोई मेल ही नहीं है। सरना ने आरोप लगाया है कि असल में हरमीत सिंह कालका और सिरसा हर वह मुद्दे को उठाने में विश्वास रखते हैं जिससे दो कौमों के बीच तनाव पैदा हो। 

बता दें कि पाकिस्‍तान के लाहौर शहर के नौलखा स्थित गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह पर कथित तौर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा ताला जड़ने के मामले ने दिल्ली की सिख राजनीति में एक बार फिर से उबाल ला दिया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) और ‌भाजपा के सिख नेता मनजिंदर ‌सिंह सिरसा ने इसपर सोमवार को अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाक सरकार को कोसा है। वहीं सिरसा ने इस पूरे मामले में एस जयशंकर से हस्तक्षेप की भी मांग की है।

ननकाना साहिब की बात विपक्ष को पता लग गई है...

हरविंदर सिंह सरना ने बताया कि विपक्ष को इस बात की भनक लग गई है कि मैं पाकिस्तान जाकर वहां के प्रशासन से बात कर आया था कि सिखों को ननकाना साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए ऑन अराइवल वीजा की अनुमति दें। साथ ही ननकाना साहिब में कार सेवा करने की भी अनुमति मांगी है। हम चाहते हैं कि ननकाना साहिब गुरुद्वारा दुनिया में सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक हो। इसके लिए हमने नक्शे भी तैयार करवाए हैं। यहीं नहीं हमारे इंजीनियर भी वहां गए हैं। उम्मीद ही कि जल्द ही इसपर काम भी शुरू हो जाएगा। यह बात शिअद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर‌ सिंह बादल के समक्ष भी रखी गई जिसका उन्होंने स्वागत किया है। सरना ने आरोप लगाया है कि इसी बात से ये लोग परेशान हो गए हैं और संगत का ध्यान भटकाने के लिए यह काम कर रहे हैं।