डी ए डी न्यूज़ नई दिल्ली
आज ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स एंड लेबर वेलफेयर एसोसिएशन ने ई मेल के द्वारा उपराज्यपाल, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, परिवहन आयुक्त एवम विशेष आयुक्त परिवहन दिल्ली को दिल्ली में स्टेज कैरिज परमिट पर चलने वाली मिनी बसों (आरटीवी) के मालिको को दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग की गलत नीतियों के कारण होने वाली परेशानियों के तत्काल प्रभाव से उच्चस्तरीय बैठक करके हल निकालने की मांग करी।
टोलवा अध्यक्ष ने कहा की दिल्ली सरकार अपनी राजनीतिक वोट बैंक बनवाने के कारण परिवहन विभाग द्वारा जो आदेश पारित करवाती आ रही हैं उसके कारण आज आरटीवी मालिक अपने परिवार के भरण पोषण के लिए भी मजबूर हैं और ना ही वाहनों की किश्त देने के लायक बचे।उन्होने साथ ही सरकार और विभाग पर इल्जाम लगाते हुए कहा की 2009 में किराया घोषित किया गया था जिसके बाद इस सरकार और विभाग द्वारा ऑटो टैक्सी का चार बार किराया बढ़ाया पर आरटीवी का नहीं बढ़ाया।
उन्होने बताया कि दिल्ली में स्टेज कैरिज परमिट पर डीटीसी, कलस्टर बसे और आरटीवी मिनी बसें ही सेवा प्रदान करती हैं और इनका रूट और किराया सरकार द्वारा घोषित किया जाता हैं। दिल्ली सरकार ने अपने वोट बैंक को बनाने के उद्देश्य से किराया घोषित नही किया पर इससे मार सिर्फ आरटीवी बस मालिको को पड़ी क्योंकि कलस्टर कम्पनियों को परिवहन विभाग उनसे एग्रीमेंट में की गई दर से 85 प्रतिशत बड़ा कर पेमेंट कर रहा है और डीटीसी का पूरा घाटा भी सरकार देती हैं।
दिल्ली सरकार ने महिला फ्री सेवा घोषित की पर जान बूझ कर आरटीवी पर लागू नहीं की क्यों ? यह दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग बेहतर जानती होगी पर उसके कारण आरटीवी को होने वाले नुकसान की भरपाई भी नही की।
ऐसे बहुत से कारण और गलत नीतियों के कारण आरटीवी मिनी बसों के मालिक बुरी तरह प्रभावित हुए ऊपर से कोरोना वायरस के प्रकोप आने से बुरी तरह बर्बाद हो गए।
बार बार दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग को फरियाद करने के बाद भी तानाशाही रवैया अपनाते जा रहे है जिसके लिए आज सभी को ई मेल कर समाधान की बात की है।