विमुक्ति जातियों(DNT) के साथ केजरीवाल सरकार की ज्यादती, समाज से जुड़े लोगों का चिंतन मंथन



मनोज मणि नई  दिल्ली

पिछले 7 अगस्त को ओखला स्थित दक्षिणी दिल्ली जिला भाजपा के कार्यालय में विमुक्ति जातियों को केजरीवाल सरकार द्वारा जानबूझकर जाति प्रमाण नहीं देने के मसले पर विमुक्ति समाज से जुड़ी जातियों के गणमान्य लोगों ने चिंतन मंथन कर आगे की रणनीति पर गंभीरता से विचार विमर्श किया। इस अवसर पर कालकाजी विधानसभा के पूर्व भाजपा प्रत्याशी एडवोकेट धर्मवीर सिंह, एडवोकेट दिवाकर बिधूड़ी के अलावा कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे तथा कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भी विमुक्ति जातियों के उत्थान की बात कही थी, परंतु अब इतने महत्वपूर्ण एवं राष्ट्रहित से जुड़े विषय पर भी वह राजनीति कर रही है। जिस कारण विमुक्ति समाज से जुड़ी जातियों को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और केंद्र की मोदी सरकार इन जातियों के विकास के लिए तमाम तैयारियों के बावजूद भी उसे मूर्त रूप नहीं दे पा रही है।   

उल्लेखनीय है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की लड़ाई में सक्रियता से भाग लेने अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाली जातियों परअंग्रेज सरकार द्वारा विश्व का सबसे क्रूर क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 18 71 लगाया गया था । यह काला क़ानून दिल्ली की जिन जातियों पर लगाया गया था उनमें अहेरिया, बंजारा, बावरिया,भील, चमार, जाटव, मोची, रामदास, रविदास, रयगर चोरहरा, कंजर, खटीक, मल्ला, नट, पासी, परना, सासी, बाजीगर, मदारी, सपेरा, सिकलीग, लोधा, बैरागी, बोरिया, कलंदर भाट, गुर्जर ,जोगी, मीना, नागल, घोसी, राय सिख, पर लगाया गया ! जिसके कारण ये जातियाँ लगभग 100 वर्षों तक जहाँ शिक्षा व रोज़गार से वंचित रहीं वही उनकी ज़मीन जायदाद को ज़ब्त कर लिया गया तथा निर्दयता पूर्वक इन्हें दुःखद मौत दे दी गई। इनकी ज़मीनो को अपने लिए व अंग्रेजों का साथ देने वालों में रेवड़ियों की तरह बाँट दिया गया । इन जातियों को CTA 1871 से मुक्ति आज़ादी के भी 5 वर्ष 16 दिन बाद 31 अगस्त 1952 को डिनोटिफाइड ट्राइबल एक्ट 1952 बना कर प्रदान की गई । इस दिन को सभी विमुक्ति जातियाँ (DNT) आज़ादी दिवस के रूप में मनाती हैं।मोदी सरकार द्वारा इन वीर जातियों के उत्थान हेतु बी. आर. ईडॉट कमीशन 2015 बनाया ! इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 2018 में दे दी । इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार द्वारा इन विमुक्ति जातियों (DNT) के उत्थान हेतु डेवलपमेंट एंड वेलफेयर बोर्ड फॉर डिनोटिफाइड नोमेडिक एंड सेमी नोमेडिक कम्युनिटीज ( DWBNC ) 2019 में बना दिया गया।केंद्र सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय के सचिव आर. सुब्रह्मण्यम द्वारा दिल्ली सरकार को एक पत्र पत्रांक संख्या 11020/2/2020-DWBDNC 18 अगस्त 2020 को लिखा गया था जिसमें 31 दिसंबर 2020 तक सभी विमुक्ति जातियों ( DNT ) को जाति प्रमाण पत्र जारी करने को कहा गया था। जिससे की अंग्रेजों के जुल्म ज्यादती से सताए गए इन जातियों को केंद्र द्वारा उनके उत्थान के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा कोई कार्यवाही अभी तक नही की गई है और इस अति महत्वपूर्ण एवं राष्ट्र हित से जुड़े विषय को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आम आदमी पार्टी के इस गैर जिम्मेदार एवं वादा खिलाफ मुख्यमंत्री ने अपने 2015 के चुनावी घोषणा पत्र में क्रमांक 67 में विमुक्ति जातियों ( DNT) के कल्याण हेतु योजनाएँ शुरू करने का वादा किया था जो की बिना डीएनटी सर्टिफिकेट के सम्भव ही नही है। उपरोक्त विषय पर चिंतन मंथन हेतु गत 7 अगस्त 2022 को भाजपा दक्षिणी दिल्ली ज़िला कार्यालय पर डीएनटी समाज के गणमान्य लोगों की विचार गोष्ठी जिला अध्यक्ष रोहताश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई । इसमें डीएनटी समाज के गणमान्य लोगों में गंभीर राजौरा, राजकुमार चौटाला, सुनील सूद, सुनील बंजारा, हरिकिशन मल्लाह, आत्माराम पंचाल, पुष्पेंद्र सिंह राठौर, सतपाल जोगी, मनजीत सिंह गुर्जर, सरजू कुशवाहा, कुलदीप सिंह लोधी, ओमप्रकाश लोधीवाल, नंदकिशोर जाटव, दीपक भगवाने, पवन राही, कमल किशोर के अलावा भारी संख्या में समाज के लोगों ने आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया।