भगवान राम कृष्ण की धरा है भारत - डा सुरेंद्र जैन
स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली

भगवान श्री राम और श्री कृष्ण ही भारत की पहचान है, इसे कोई नकार नहीं सकता। विश्व हिंदू परिषद के अंतराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन जी ने खाटू श्याम दिल्ली धाम के पवित्र परिसर में रविवार को विश्व हिंदू परिषद दिल्ली प्रांत की अर्धवार्षिक बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया। उन्होंने कहा 1200 वर्षों मैं हुए भयंकर धर्मांतरण एवं नरसंहार तथा ब्रिटिश शासन द्वारा हिंदू समाज को आत्मविस्मृत बनाने के बाद हमारे पूजनीय संत समाज द्वारा हिंदुओं को दिशा देना आरंभ किया गया। पूज्य संतों के आदेश पर 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन को अपने हाथ में लिया और समस्त हिन्दू समाज के सहयोग के कारण ही आज हम 492 वर्षों के बाद प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के दर्शन कर पा रहे हैं और श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार दिसंबर 2023 तक गर्भगृह में भी राम लला विराजमान हो जायेंगे।अपने अभिभाषण में उन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन को सामाजिक क्रांति से जोड़ते हुए राजनीतिक क्रांति का स्रोत बताया। बजरंग दल द्वारा हेल्प लाइन शुरू होने की जानकारी देते हुए हिंदुओं को निडर होने का आह्वान किया एवं भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा।

 इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मुकेश खांडेकर जी ने षष्ठी पूर्ति तक विश्व हिंदू परिषद दिल्ली के प्रत्येक मोहल्ले में अपना सत्संग प्रारंभ करे, ऐसी योजना बनाने को कार्यकर्ताओं को कहा।बैठक के अंत में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में दिल्ली प्रांत अध्यक्ष श्रीमान कपिल खन्ना जी ने आए हुए सभी कार्यकर्ताओं एवं हिंदुओं से सचेत रहने का आह्वान किया तथा विश्व हिंदू परिषद के जिला व प्रखंड स्तर के सभी आयामों को पूर्ण करने का आह्वान किया, श्री खाटू श्याम दिल्ली धाम के अध्यक्ष श्री घनश्याम जी एवं पूरी समिति को इस परिसर में 36 धाम बनाने के लिए बधाई दी एवं बैठक के लिए स्थान देने के लिए धन्यवाद दिया।दिल्ली प्रांत मंत्री श्री सुरेंद्र गुप्ता जी ने हिंदू संकल्प मार्च की सफलता के लिए कार्यकर्ताओं को साधुवाद दिया और पूरी दिल्ली के प्रत्येक प्रखंड में सत्संग के माध्यम से संपूर्ण हिंदू समाज को एकरस करने का आह्वान किया। इस बैठक में पूज्य संत जीवन जी, दिल्ली प्रांत उपाध्यक्ष सेठ रामनिवास जी, महंत वैभव शर्मा जी, श्री रामचंद्र वर्मा जी, श्री राकेश गोयल जी, प्रांत सह मंत्री श्री नंदकिशोर जी, श्री अशोक गुप्ता जी सहित प्रांत एवं जिलों के कार्यकर्ता रहे।