मनोज मणि, नई दिल्ली
आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के रिसर्च एंड पॉलिसी डिवीजन ने इंटरप्रेन्योर्स आउटरीच की दिशा में कार्य शुरू किया है। इस कार्यक्रम का मकसद देश के पिछड़ा वर्ग के युवाओं मे उद्यमिता विकसित करना है। इस कड़ी में आज 7 मई को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के डिप्टी स्पीकर हॉल में इंटरप्रेन्योर मीट का आयोजन किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के रिसर्च एंड पॉलिसी डिवीजन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भगवत किशनराव कराड और विशिष्ट अतिथि भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य अरुण सिंह और डॉक्टर के. लक्ष्मण, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा भाजपा उपस्थित रहे । इस कार्यक्रम के माध्यम से देश में इंटरप्रेन्योरशिप के महत्व को बताया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किस तरह से देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने में जुटी है, इन योजनाओं का पिछड़ा समाज के युवा किस तरह से लाभ उठा सकते हैं, ऐसे मुद्दों पर एंटरप्रेन्योर मीट में चर्चा हुई।कार्यक्रम में 21 से ज़्यादा प्रदेशों के उद्यमियों ने भाग लिया।
उद्यमीयों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर भगवत किशन राव केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि देश के पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए कार्य कर रही है । सरकार कार्यक्रम के विशेष अतिथि अरुण सिंह ने उक्त अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि सरकार देश में स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है । युवा उद्यमी देश के विकास में आगे आ रहे हैं उक्त अवसर पर बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के. लक्ष्मण ने कहा की मोदी सरकार ने पिछले वर्ग के आर्थिक विकास के लिए अनेक योजना बनाई है । 27 प्रतिशत आरक्षण एवं विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर पिछले वर्ग की नियुक्ति जल्द की जाएगी। हमारी सरकार युवाओं को रोजगार मांगने वाला नहीं देने वाला बनाएगी। उक्त अवसर पर रिसर्च एंड पॉलिसी के राष्ट्रीय प्रभारी एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर पंकज चौधरी ने कहा कि एनबीसीएफडीसी ने 27.65 को 5171.77करोड़ रुपए का लोन दिया है ओबीसी युवा को 35 परसेंट मुद्रा लोन देकर सरकार युवा उद्यमी तैयार कर रही है हम इस कार्यक्रम के माध्यम से ओबीसी उद्यमी के सुझाव एवं उनकी समस्या को समझ कर पिछड़ा वर्ग के उद्यमी के विकास के लिए यह कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिससे कि उनके विकास के साथ उद्योगों का भी विकास हो सके तो भारत की आर्थिक एवं सामाजिक मजबूती प्रदान कर सकें।