असाध्य रोगों एवं आपातकाल में पीएमआर रामबाण दवा: डॉक्टर आर. के. वाधवा


स्वतंत्र सिंह भुल्लर नई दिल्ली

इंद्रप्रस्थ एसोसिएशन ऑफ रिहैबिलिटेशन मेडिसिन (आईपीए आरएम) इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (आइएपीएनआर) का 50 वा वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो पीएमआर की विशेषज्ञता में काम करने वाले मेडिकल डाक्टरों का एक वैज्ञानिक निकाय है । यह सम्मेलन 25 - 27 मार्च तक चलेगा। इसका विषय वस्तु पोस्ट कोविड वर्ल्ड स्ट्रेंथिंग हेल्थ केयर रिहैबिलिटेशन 2030 था। यह विषय काफी प्रासंगिक है जो कि पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है और आज भी कोविड-19 पर पूर्ण नियंत्रण आज विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस सम्मेलन में सफदरजंग अस्पताल के वीएमएमसी के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर. के. वाधवा पीएमआर डिपार्टमेंट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ संजय वाधवा ने पीएमआर की विशेषता एवं इसके गुणकारी प्रभाव पर अपने विचार रखें । पीएमआर एक ऐसी मेडिसिन है जिसका उद्देश्य रीढ़ की हड्डी की चोट, मस्तिष्क चोट स्ट्रोक, विच्छेदन एवं अन्य गंभीर चोट एवं आपातकालीन स्थितियों में काफी कारगर है। शारीरिक अक्षमता या विकलांग लोगों के कार्य क्षमता में बढ़ोतरी हेतु भी इस दवा का काफी बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। पीएमआर के बारे में जन जन तक जानकारी पहुंचाना तथा इसकी गुणवत्ता और कार्यों के बारे में लोगों को बताने का एक सफल प्रयास इस सम्मेलन के माध्यम से किया गया ।