श्मशान घाट की होली

डी ए डी न्यूज़ दिल्ली

रंगो के त्यौहार होली को देश भर में अनेक तरीके से मनाया गया। हमारे यहां की बरसाना और मथुरा की होली तो विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा जोधपुर की होली भी पीछे नहीं है। होली मनाने के लिए लोग अलग-अलग तरीकों का प्रयोग करते हैं। रंग गुलाल तो इस अवसर पर खास होते हैं। इसके अलावा फूलों की होली का भी महत्वपूर्ण स्थान है। आमतौर पर मैदानों और घरों में लोग होली के उत्सव को मनाते हैं। होली मनाने का यह तरीका तो बहुत आम है। पर जब होली श्मशान घाट में मनाई जाए तो यह चौंकाने वाली बात होती है। ऐसा ना कभी आपने सोचा होगा ना कभी सुना होगा ना कभी मन में ख्याल आया होगा ना कभी देखा होगा जी हम बात कर रहें है। 

दिल्ली में स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। निगमबोध घाट इसको हम आम भाषा में श्मशान घाट बोलते है। यह श्मशान घाट प्राचीन काल से ही चलता आ रहा है। यहां पहली बार फूलों की होली और रंगो की होली भरथम होली का आयोजन किया गया। इसके अलावा इस अवसर पर जागरण का भी आयोजन किया गया जिसमें मां महामाई का गुणगान किया गया। इसके अलावा भैरव बाबा को भी भजन गीतों के माध्यम से स्मरण किया गया। इस खास मौके पर सुमन गुप्ता पूर्व विधायक ने शिरकत करके जागरण की ज्योति प्रचंड की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि निगमबोध घाट पर होली का आयोजन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि भगवान शिव व उनके गन श्मशान घाट में होली मनाया करते थे। इस होली कार्यक्रम का आयोजन शिव शक्ति मोक्ष धाम परिवार की ओर से किया गया।