भटकती महिला को छः दिन बाद मिला उनका परिवार- अध्यक्ष सुलेखा रानी की हो रही काफी प्रशंसा

जावेद खान दिल्ली

नोएडा सेक्टर 101 से हुई गुमशुदा महिला आखिरकार अपने परिवार को सकुशल सौंप दिया गया। इंजीनियर श्री राम मेमोरियल एंड गौतम बुध मेडिकल एवं टेक्निकल संस्था की अध्यक्ष श्रीमती सुलेखा रानी ने बताई कि मैं किसी कार्य को लेकर कहीं जा रही थी, तभी एक महिला काफी घबराई हुई एवं रोते हुए हमारे पैर पर गिर गई लेकिन उनकी भाषा समझ में नहीं आने को लेकर मामला नहीं समझ पाई, जिसको लेकर उन्होंने अपने घर पर लाकर उसे खाना खिलाया और उसे कौशांबी थाना लेकर गई, जहां पुलिस वालों ने भी इनके परिजनों तक ले जाने से इंकार कर दिया जिसके बाद एक और थाना गए लेकिन वहां से भी निराश लौटना पड़ा, कहते हैं ना जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है ठीक उसी तरह श्रीमती सुलेखा रानी ने हिम्मत नहीं हारी और उसे अपने साथ रखकर अपने किराए लगाकर उन्होंने ऑटो रिजर्व की जिसके बाद उस महिला को लेकर इधर-उधर भटकने लगी ताकि उनका परिजन उनको मिल जाए, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद छठा दिन श्रीमती सुलेखा रानी का मेहनत रंग लाया। बताया जाता है कि महिला के पति के गुजर जाने के बाद महिला बंगाल से नोएडा के नवेडा ने झुग्गी बनाकर अपने बच्चे और परिवार के साथ मजदूरी करने के रहने आई हुई है, काम की तलाश में अपने रिश्तेदार के साथ 10 जनवरी को उन्होंने किसी के यहां गई हुई थी,जहां काम नहीं निलने के कारण रिश्तेदार महिला उन्हें सड़क पर छोड़ देती है जिसके बाद महिला भटक कर इधर-उधर लोगों से मदद की गुहार लगाने लगती है, उनके भाषा कि समझ ना होने के कारण लोग उनका मदद करने में असमर्थ रहते हैं जिसके बाद 

इंजीनियर श्री राम मेमोरियल गौतम बुध मेडिकल एवं टेक्निकल संस्था के अध्यक्ष श्रीमती सुलेखा रानी द्वारा उन्हें घर पर लाकर पूछताछ करने लगती है, महिला घबराई हुई होती है लेकिन श्री रानी के द्वारा किसी प्रकार की परेशानी न होने को लेकर सांत्वना देकर अपने साथ उनके घर एवं परिजन को ढूंढने में लग जाती है । आखिरकार महिला को छठा दिन अपने बच्चे के पास पहुंचा देती है, परिजन से मिलने के बाद महिला काफी खुशी जाहिर की एवं बच्चों ने श्रीमती सुलेखा रानी का धन्यवाद व्यक्त किया। परिजन से मिलने के बाद पता चला कि महिला का नाम जमुना खातून था वही बच्ची का नाम दिलरुबा एवं बेटे नाम साहिल था। श्रीमती सुलेखा रानी का कहना है कि हमने इस महिला को लेकर के जगह गए लेकिन किसी ने इन्हें अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं हुआ यहां तक कि पुलिस प्रशासन के साथ-साथ महिला पुलिस से भी संपर्क साधने का काम किया लेकिन किसी ने मदद नहीं की, लेकिन छठा दिन इनके पास एक छोटा सा पर्ची देखने को मिला जिसमें इनके कुछ रिश्तेदार का नंबर था जिसके बाद बात करने के बाद इनके घर और परिवार का सारा जानकारी मिला जिसके बाद इनका परिजन आकर इन्हें ले गया, श्रीमती रानी ने गुस्सा जाहिर करते हुए पुलिस प्रशासन पर कई आरोप लगाते हुई कहीं कि अगर कोई भटकती हुए महिला मदद मांगने जाती है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि सरकार के द्वारा कोई व्यवस्थाएं नहीं है आप इसे सड़क पर ही छोड़ दें। मैं जिम्मेदार लोगों से यही निवेदन करना चाहूंगा कि वैसे लोगों को चिन्हित कर उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाय, ताकि किसी भी भटकती महिला को मदद मिल सके। इस कार्य को लेकर इंजीनियर श्री राम मेमोरियल गौतम बुद्ध मेडिकल एवं टेक्निकल संस्था के कई सारे सदस्यों ने इस नेक कार्य को लवकर श्रीमती सुलेखा रानी का धन्यवाद व्यक्त किया है एवं उनकी काफी प्रशंसा की जा रही है।