स्वराज इंडिया पार्टी ने आने वाले नगर निगम के चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य इकाई का पुनर्गठन किया

डी ए डी न्यूज़ नई दिल्ली

स्वराज इंडिया ने दिल्ली नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य इकाई का पुनर्गठन किया। पार्टी आगामि दिल्ली नगर निगम चुनाव में संकल्प और शक्ति के साथ हिस्सा लेगी।

स्वराज इंडिया ने अन्ना आंदोलन के क्रान्तिकारी साथी और स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य नवनीत तिवारी को दिल्ली का नया अध्यक्ष चुना।

आज स्वराज इंडिया दिल्ली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में नवनीत तिवारी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। राज्य कार्यकारिणी ने निशांत त्यागी को महासचिव की जिम्मेदारी दी, और परवेश कुमार, एसके चौबे, मंजू यादव, वीरेंद्र राय, और हसनैन अहमद उपाध्यक्ष चुने गए। कार्यकारिणी द्वारा 4 सचिवों की भी घोषणा की गई। स्वराज इंडिया नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने 2017 नगर निगम चुनाव में 200 से अधिक उम्मीदवारों को उतारा था।

दिल्ली को “क्लीन दिल्ली” और “ग्रीन दिल्ली” में बदलने के लिए स्वराज इंडिया दिल्लीवासीयों से समर्थन मांगेगी। स्वच्छता अभियान का जुमला देने वाली भाजपा, और दिल्ली को लन्दन बनाने का वादा करने वाली केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लोगों की अपेक्षाओं के साथ धोखा किया है। दिल्ली आज विश्व की सबसे प्रदूषित शहरों में एक है, जिसके लिए आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम दोनों ही जिम्मेदार हैं। दिल्ली की सफाई व्यवस्था में मुख्य भूमिका केजरीवाल सरकार की भी है, क्योंकि बड़े नालों की रख-रखाव व सफाई की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, जिस पर दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम निर्भर है। इस साल दिल्ली को भारी जल-जमाव के संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि केजरीवाल सरकार द्वारा बड़े नालों की सफाई में भारी अनियमितता दिखाई गई। आज दिल्ली नगर निगम भ्रष्टाचार और अवैध उगाही का अड्डा बना हुआ है। इस उगाही के खेल में भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद और एमएलए मिले हुए हैं।

स्वराज इंडिया दिल्ली नगर निगम को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने और दिल्ली को सुरक्षित, समावेशी, स्वच्छ, और विकसित शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले छ: वर्षों में स्वराज इन्डिया ने किसान, मज़दूर, कर्मचारी, और आम लोगों के मुद्दों को दिल्ली और देशभर में उठाया है। पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, से लेकर आर्थिक समानता, सामाजिक न्याय, पर्यावरण जैसे आम लोगों के मुद्दों को सरकारों के सामने रखा है।