संसार चक्र से मुक्त होने के लिए सिद्धचक्र की आराधना करे मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी महाराज साहेब

निलेश कुमार जैन बड़नगर

परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी महाराजा साहेब के सुविनीत शिष्य , जो की झाबुआ में चातुर्मास हेतु विराजित हे । परम पूज्य मालवरत्न मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी म.सा.पूज्य मुनिश्री जीतचंद्र विजयजी म.सा.आदि ठाणा की पावन निश्रा में 12 अक्टूबर से शाश्वती श्री नवपद औलीजी की आराधना का आयोजन धूमधाम से प्रारंभ होगा। जिसकी पूर्णाहूति 20 अक्टूबर को होगी | नौ दिवसीय आराधना कराने के लाभार्थी भी तय हो गये हे जिसके अनुसार प्रथम दिवस के लाभार्थी समाज रत्न सुभाष कमलेश कोठारी परिवार , दूसरे दिवस के लाभार्थी अनिल सुनील राठौर परिवार , तीसरे दिवस के लाभार्थी नरेंद्र पगारिया परिवार , चतुर्थ दिवस अभय धारीवाल परिवार , पंचम दिवस श्रीमती प्यारीबाइ उत्तम जैन , छटे दिवस श्रीमती मान्गुबेन सकलेचा परिवार , सातवें दिवस के लाभार्थी श्रीमती श्यामुबेन रतनलाल रुंनवाल परिवार , आठवें दिवस के संजय काठी परिवार , और अंतिम दिवस हेमेन्द्र बावेल परिवार ने लाभ लिया हे,वही आराधकों को 21 अक्टूबर को पारणा कराने का लाभ जैन सोशल ग्रुप मैत्री झाबुआ को प्राप्त हुआ है। पूज्य मुनिश्री ने बताया की प्रतिदिन पद अनुसार क्रिया काउस्सग्ग माला खमासमणा स्वस्तिक विधान होगा। प्रतिदिन प्रतिक्रमण देववंदन आदि सभी आवश्यक क्रियाएं होगी। प्रतिदिन सादे एवं वरण के आयंबिल किए जाएंगे। प्रासंगिक प्रवचन एवं सिद्धचक्र के प्रभाव से जुड़े हुए श्रीपाल रास पर प्रवचन होंगे ।

15/16/ 17 अक्टूबर को त्रिदिवसीय आयोजन श्री ‌भूपेंद्र सूरिश्वरजी म.सा. द्वारा लिखित 45 आगम महापूजन का भव्य विधान होगा । जिसमें तीनों दिन अलग-अलग मुख्य लाभार्थी होंगे 45 अन्य पूजनार्थी होंगे। परम पूज्य मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी महाराज साहब ने बताया संसार चक्र से मुक्त होने के लिए सिद्धचक्र की आराधना करे। संसार को भेदने की शक्ति इस सिद्धचक्र आराधना में है।वर्षों में दो बार श्रद्धालु इस आराधना को करते हैं। आराधना के 9वे शरद पूर्णिमा के दिन दोपहर में श्री ऋषि मंडल महापूजन का आयोजन मनोरमा बेन की स्मृति में सतीशजी सोहनलालजी कोठारी परिवार द्वारा किया जाएगा।