शबाना खान को बुजुर्गों ने व महिलाओं ने दीया ने धन्यवाद

 शबाना खान ने इस जिम्मेदारी को अपना सौभाग्य समझ कर स्वीकार 


नागु वर्मा उज्जैन 

उज्जैन रतलाम रतनपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के माध्यम से रतलाम बीरिया खेड़ी मैं वृद्ध आश्रम मैं अपना जीवन यापन करने वाले प्रेम सिंह भाटी जिनकी उम्र 69 वर्ष है वहां पिछले कई साल से वृद्ध आश्रम में रह रहे थे जब वह वृद्ध आश्रम में आए तब वह स्वस्थ थे कुछ समय पहले वहां शारीरिक कमजोरी और अस्वस्थ होने के कारण निरंतर बेड रेस्ट पर है जिससे उन्हें चलने फिरने यहां तक कि बैठने में भी समस्या आती है हाल ही में रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एक्यूप्रेशर का कैंप वृद्ध आश्रम में वृद्ध जनों के लिए लगाया गया था तब रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के संरक्षक रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह राठौर जीने प्रेम सिंह भाटी से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में वृद्ध आश्रम प्रबंधक जोशी जी से जानकारी मिली तब उन्होंने रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी जिला कोऑर्डिनेटर शबाना खान को यह महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपी की प्रेम सिंह भाटी के परिवार को ढूंढ कर ऐसे समय में इन्हें इनके परिवार तक पहुंचाना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि यह इच्छा स्वयं प्रेम सिंह भाटी की है संरक्षक महोदय से मुलाकात के दौरान प्रकट की थी की अब मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहता हूं क्योंकि अब मेरी हालात ऐसे नहीं है कि मैं स्वयं अपना कोई भी काम कर सकूं और मेरी अंतिम इच्छा है कि मैं अपना बचा हुआ समय अपने परिवार के साथ बिता सकूं तब रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी ने उनकी मन की बात जानकर उन्हें परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला कोऑर्डिनेटर शबाना खान के सुपुर्द की और कहां कि मैं आशा ही नहीं पूरा विश्वास करता हूं कि जिस तरह तुमने अब तक वृद्ध आश्रम मैं रहने वाले अपने परिवार से बिछड़े हुए साथ ऐसे सदस्यों को अपने परिवार तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है जरूर तुम प्रेम सिंह भाटी को भी उनके परिवार तक पहुंचाने में सफल होगी क्योंकि यह उनकी अंतिम इच्छा है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है शबाना खान ने इस जिम्मेदारी को अपना सौभाग्य समझ कर स्वीकार किया और संरक्षक रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी और वृद्ध आश्रम प्रबंधक जोशी जी को विश्वास दिलाया कि बहुत जल्द वहां उनके परिवर को ढूंढ निकलेगी और बहुत जल्द प्रेम सिंह भाटी जी को वहां उनके परिवार से मिलायेंगी शबाना खान निरंतर इस प्रयास में जुटी रही और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने बड़ी सूझबूझ के साथ अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त की प्रेम सिंह भाटी के पास जो मोबाइल नंबर उपलब्ध हुआ वह किसी दूर के रिश्तेदार का था जब उन्होंने उस नंबर पर बात करने की कोशिश की तब उन्हें पता चला की प्रेम सिंह भाटी का परिवार भी है जिसमें उनकी धर्मपत्नी फुलकुवर बेटा हिम्मत सिंह भाटी एक बेटी भी है और प्रेम सिंह भाटी रतलाम के ही नजदीक गांव पंचेड़ के निवासी हैं शबाना खान ने यह जानकारी जुटाने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेम सिंह भाटी का फोटो उनके सहयोगी जो एक सामाजिक कार्यकर्ता है मोहन जो कि पंचेड़ निवासी हैं उन्हें पहुंचाया और गांव में प्रेम सिंह भाटी की जानकारी एकत्रित फिर शबाना खान द्वारा यह जानकारी संस्था संरक्षक रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी को भी दी गई तब पंचेड़ निवासी सहयोगी सदस्य मोहन जी द्वारा हिम्मत के मोबाइल नंबर मांगे गए और फिर हिम्मत को फोन लगाकर उसके पिताजी के बारे में बताया गया बड़ा आश्चर्य हुआ जब यहां बात भूपेंद्र सिंह जी और शबाना खान द्वारा जब बताया गया कि प्रेम सिंह भाटी जो वृद्ध आश्रम में अपना जीवन यापन कर रहे हैं क्या आप उन्हें पहचानते हैं तब हिम्मत ने जवाब दिया कि हां वह मेरे पिताजी हैं पर वह पिछले 35 सालों से हमारे साथ नहीं है तब शबाना खान ने हिम्मत और उसकी माताजी फुलकुवर बाई को रतलाम बुलाया और उनसे बातचीत शुरू की तब फूल कुंवर बाई ने बताया की उनका बड़ा बेटा सवा साल का था औरबेटी 2 महीने गर्भ में थी तब ही उनके पति उन्हें छोड़कर अपनी बहन पेपा बाई के पास रहने चले गए थे तब से वह अपनी बहन और बहन के बच्चों के साथ ही रह रहे थे और फूल कुंवर बाई अपने छोटे से बच्चे और गर्भवती होने के कारण अपने पिताजी के पास रह रही थी जब उन्हें क्योंकि उनके पति ने स्वयं अपनी इच्छा से अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया था वहां अपनी पत्नी और बच्चे के साथ नहीं रहना चाहते थे यहां तक कि अपनी जमीन जायदाद भी उन्होंने अपने पास ही रखीअपनी पत्नी और बच्चे को इन सब से वंचित रखा जब उनकी जमीन जायदाद सब खत्म हो गई और उनके पास कुछ नहीं बचा और उनके हालात खराब हो गए तब फिर उनका कहीं कोई अता पता भी नहीं चला और अब 35 साल बाद आप हमें बता रहे हैं कि मेरे पिताजी वृद्ध आश्रम में है जबकि हमें हमारे कुछ रिश्तेदारों से यह जानकारी मिली थी कि वहां अपने किसी रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं जब शबाना खान द्वारा फूल कुँवर बाई और हिम्मत को बताया गया की प्रेम सिंह भाटी जी का स्वास्थ्य काफी खराब है यहां तक कि उन्होंने कई दिनों से अन्न का एक दाना तक नहीं खाया जूस और दूध पर वहां जी रहे हैं तब फूलकुँवर बाई ने कहा की मैडम जी मेरा बेटा सवा साल का था और बेटी 2 महीने गर्भ में थी तब इस आदमी ने मुझे छोड़ दिया था मैंने अपना जीवन कैसे बिताया होगा यहां सिर्फ मैं जानती हूं इन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया बच्चों को लावारिस की तरह छोड़ दिया यहां तक की इनकी जमीन जायदाद से भी हमें कुछ नहीं मिला मैंने मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को बड़ा किया और उन्हें घर गृहस्ती के काबिल किया जब इस व्यक्ति ने इसकी जिम्मेदारी नहीं समझी तो मैं इससे कैसे कोई रिश्ता रखूं और वह भी अब जब इनकी हालात खराब है और इनके पास कुछ भी नहीं बचा है वहीं दूसरी ओर हिम्मत ने भी यही बात कही कि जिस पिता के होते हुए भी हमें यतीमो की तरह रहना पड़ा कभी पिता का प्यार हमें नहीं मिला अब ऐसे पिता से क्या उम्मीद की जा सकती है तब भूपेंद्र सिंह जी के सहयोग से शबाना खान द्वारा निरंतर तीन दिवसीय काउंसलिंग बार-बार की गई और फुल कुंवर बाई और हिम्मत को समझाया गया निरंतर शबाना खान के समझाने पर शबाना खान द्वारा बताया गया की प्रेम सिंह दादा की तबीयत निरंतर बिगड़ती जा रही है उन्होंने कई दिनों से खाना नहीं खाया है सिर्फ दवाई गोली और दूध और जूस पर ही वहां जीवित हैं और कितना समय तक जीवित रहेंगे यह भी हम नहीं कह सकते इसलिए मालिक से प्रार्थना करो कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएं और उन्होंने जो भी आप लोगों के साथ किया है उसे आप भूलने की कोशिश करें और उन्हें अपनाएं जिससे उनकी अंतिम इच्छा यह है कि वह अपने परिवार के साथ रहे अपने बच्चों के साथ रहे और आप लोगों से निवेदन है कि आप ऐसे अंतिम समय में उन्हें अपना कर उनकी इस इच्छा को पूर्ण करें पूरा करें लगातार तीन दिन परिवार के सदस्यों से निरंतर बातचीत चलती रही कभी माताजी हामी भर्ती तो कभी बेटा मना करता और कभी बेटा हामी भरता तो उसकी पत्नी मना करती पर शबाना खान ने भी हार नहीं मानी और सिर्फ दिमाग में संरक्षक भूपेंद्र सिंह जी द्वारा दी गई जिम्मेदारी को अपना लक्ष्य बनाया और निरंतर प्रयास से पूरे परिवार को प्रेम सिंह दादा को स्वीकार करने के लिए तैयार किया और आज 1 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर उन्होंने रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी संरक्षक रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी अध्यक्ष राधेश्याम बैरागी जी कोर कमेटी सदस्य भवरलाल पाटीदार की जगदीश चंद्र जी और रेड क्रॉस सोसाइटी के पूर्व चेयरमैन महेंद्र जी गाजिया जी की उपस्थिति में प्रेम सिंह दादा को उनके परिवार जन को बुलाकर उनके सुपुर्द किया और सभी सदस्यों मैं ईश्वर से प्रार्थना की प्रेम सिंह दादा सकुशल अपने परिवार में रहे और ईश्वर उन्हें जल्द स्वस्थ करें *रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी संरक्षक रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी* मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसी संस्था का संरक्षक बना हूं जो निरंतर वृद्ध जनों के लिए अपनी सेवाएं दे रही है और इस संस्था की जिला कोऑर्डिनेटर शबाना खान को अब तक जो भी जिम्मेदारी दी जाती है वह उन्हें बखूबी निभाती अब तक शबाना को यह सातवीं बार सफलता मिली है ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि निरंतर वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करें और रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी आगे भी इसी तरह सेवा का कार्य करती रहे *वृद्धा आश्रम प्रबंधक जोशी जी* मेरे कार्यकाल में यह पहला ऐसा प्रकरण है जिसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल है क्योंकि जिस तरह से प्रेम सिंह दादा अभी अस्वस्थ है और परिवार से अलग हुए काफी समय हो चुका है लग नहीं रहा था कि इतनी जल्दी उन्हें उनका परिवार मिलेगा पर रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी और शबाना खान और आदरणीय रिटायर्ड डीएसपी सर के सार्थक प्रयासों से जो सफलता मिली है वह हमारे वृद्धा आश्रम के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है मैं प्रबंधक होने के नाते रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी रिटायर्ड डीएसपी सर और समाजसेवी शबाना खान का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं *रेड क्रॉस* *सोसायटी पूर्व चेयरमैन* *महेंद्र जी गादिया* यकीन मानिए जहां आज के युग में हम अपने परिवार के साथ साथ समाज हित कल्याणकारी कार्य कर रहे हैं वही विश्वास नहीं होता कि कुछ ऐसे वृद्धजन भी हैं जो अपनी छोटी-छोटी गलतियों की वजह से अपने परिवार से दूर हो जाते हैं आज मुझे भी बहुत अच्छा लगा कि रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी और छोटी बहन शबाना खान और रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह सर के सार्थक प्रयासों से आज फिर हमारे एक वृद्धजन को अपना परिवार मिला मैं शबाना खान को हृदय से साधुवाद देता हूं और उनकी सेवाओं को दिल से सलाम करता हूं *प्रेम सिंह भाटी* मैं कई सालों से अपने परिवार से अलग था मेरी स्वयं की इसमें कई गलतियां थी उन गलतियों को स्वीकार करता हूं मैं मानता हूं कि मैं गलत था और इन्हीं वजह से अपने परिवार से दूर था मुझे विश्वास नहीं था कि मेरा परिवार मुझे स्वीकार करेगा मैं कोटि कोटि वंदन करता हूं मातृशक्ति शबाना खान को जिनकी वजह से मेरे बेटे और मेरी पत्नी ने मुझे स्वीकार किया हिम्मत सिंह भाटी* मुझे अब तक अपने पिता का कभी कोई स्नेहा नहीं मिला मेरे नाम के साथ मेरे पिता का नाम जुड़ा हुआ था पर कभी उन्होंने अपने पिता होने का दायित्व नहीं निभाया पर अभी उनके जो हालात हैं उन्हें देखते हुए शबाना खान मैडम और डीएसपी सर द्वारा समझाइश दी गई इसके लिए मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं अपने पिता की देखभाल अच्छे से करूंगा और पुत्र होने का फर्ज निभाउंगा *राधेश्याम बैरागी* मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं जो मैं इस संस्था से जुड़ा हुआ हूं हर असंभव लगने वाला कार्य तब तक ही असंभव लगता है जब तक उसे करने का संकल्प ना लिया जाए और संकल्प लेकर किया गया कार्य संभव होता है और ठीक एक संकल्प के साथ एक जोश के साथ हमारी जिला कोऑर्डिनेटर समाज सेवा के लिए सदैव समाज के बीच रहती हैं मैं हृदय से आभारी हूं * रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी जिला कोऑर्डिनेटर शबाना खान* आज मैं बहुत खुश हूं मुझे जो जिम्मेदारी संस्था संरक्षक आदरणीय डीएसपी सर द्वारा रिटायर्ड डीएसपी भूपेंद्र सिंह जी द्वारा दी गई थी मैंने उस जिम्मेदारी को पूरा किया मेरा एक संकल्प है वृद्धा आश्रम सिर्फ उन वृद्धजनों के लिए होना चाहिए जिनका परिवार में समाज में कोई नहीं होता वृद्ध आश्रम में जितने भी ऐसे सदस्य अपना जीवन यापन कर रहे हैं जिनके परिवार में कोई सदस्य है मैं निरंतर प्रयासरत रहूंगी कि मैं उनके परिवार से बातचीत कर उन सदस्यों को उन परिवार तक पहुंचा सकूं