52 गायों के रहस्य मयी काल का ग्रास बनने से नोएडा देहात में सनसनी
अजय प्रताप सिंह ग्रेटर नोएडा 

 ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाना क्षेत्र के गांव भूडा में एक ही घर की बेशकीमती गिर नस्ल की 52 दुधारु गायों के रहस्यमयी तरीके से अब तक लगातार कालकलवित होने से नोएडा देहात के पशु पालकों में बैचेनी दौड गई है। जिसे देखो वही भूडा गांव की ओर दौड रहा है। 

आपको बता दें कि भूडा गांव के रहने वाले ओमवीर नागर बचपन से गाय पालते हैं और उन्हीं के दूध से अपनी आजीविका चलाते हैं। ओमवीर नागर के पास बेशकीमती 30 गिर नस्ल की दूधारु गायें थीं, तो 28 उनके बछडे बछियां थीं। ये गायें अमेरिका की रिसर्च एजेंसी नासा द्वारा तीन साल पहले एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के साथ ही गिर नस्ल की गायो और उनके बछडे बछियों तक की कीमतें आसमान छूने लगी थीं, नासा ने अपनी रिपोर्ट में गिर गायों के मूत्र में पाये जाने वाले सोने के अंश द्वारा कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के सफल इलाज की खोज भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की इस थिसिस के बाद की थी कि गोमूत्र से भयंकर बीमारियों का इलाज संभव है। नासा के इस अनुसंधान के साथ ही गिर गायों की कीमतों ने अचानक छलांग लगा दी थी।

नासा की रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद ही ओमवीर नागर ने भी लाखों रुपये खर्च कर गिर गायों को अपनी गोशाला में शामिल किया था। गांव वासी बताते हैं कि ओमवीर की गायों का रोजाना डेढ सौ लीटर दूध ऊंची कीमत पर बिकता था।  

हैरत की बात तो यह है कि यूपी की केसरिया सरकार के उच्च अधिकारियों पर इतने बडे घटना क्रम से तब भी फर्क नहीं पड़ता कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद गोभक्त हैं। ओमवीर ने इस संवाददाता को बताया कि उसने सूरजपुर थाना प्रभारी को इसकी सूचना दी, तो खंड पशु चिकित्सा अधिकारी को भी अवगत कराया, तिस पर भी मौतों को रोकने के प्रयाप्त प्रबंध नहीं किये गये।

इस दुखद घटना पर इस संवाददाता ने खंड पशु चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने मूत गायों के बिसरा जांच की बात बताते हुए यह भी बताया कि खून के नमूने भी लिये गये हैं, लेकिन वे बकाया गायों के बचाव के लिये क्या कर रहे हैं इस पर उनका कहना था कि अभी उन्हें किसी निष्कर्ष पर पहुंचना है। 

इतनी बडी घटना और जिम्मेदार अधिकारी अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे, इसे लापरवाही माना जाय या विडंबना? लेकिन इतना तो तय है कि प्रशासन में धमक वालों के ही काम होते हैं फिर चाहे राज्य सरकार पारदर्शिता का कितना भी ढिंढोरा क्यूं न पीटे। पीड़ित ओमवीर के घर नोएडा देहात के पशुपालकों का जमघट लगातार बढता जा रहा है। उनमें प्रशासन के रवैये से क्षोभ को देखा जा सकता है। यहां जमा लोगों की मांग है कि इस वीभत्स घटना का पर्दाफाश भी हो और पीडित को सरकारी अनुग्रह राशि भी दी जाय ताकि वह फिर अपनी आजीविका चला सके।