गुरुमुखी के टेस्ट में फेल हुए सिरसा डीएसजीएमसी की सदस्यता खतरे में

 

स्वतंत्र सिंह भुल्लर, नई दिल्ली

नई दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी- डायरेक्टरेट के द्वारा आयोजित गुरबानी और गुरुमुखी के परीक्षा में निवर्तमान प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा फेल हो गए |

जानकारी हो कि दाखिल याचिका की सुनवायी करते हुए, माननीय कोर्ट ने कमिटी प्रधान की आधारभूत धार्मिक परीक्षा लेने का आदेश दिया था। जिसमे सिक्खी से जुड़े मूल प्रश्नों का जवाब देना था।सूत्रों के अनुसार, डायरेक्टरेट ने पूर्व-विधायक से गुरुबानी का पाठ और गुरुमुखी में लिखो कुछ शेष को पढ़ने को कहा, जिसमे सिरसा विफल हो गए।पूरे प्रक्रिया की लाइव -वीडियो में रिकार्डिंग भी की गयी।

 इस मामले पटना साहिब के पूर्व अध्यक्ष, और निर्वतमान डीएसजीएमसी सदस्य हरविंदर सिंह सरना ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए सिरसा के निष्कासन की माँग की। 

" सिख संगत को पिछले 8 सालों से बड़ा धोखा मिला है। यदि पंथ के नुमाईंदे को सिक्खी का ही आधारभूत ज्ञान नही, तो कुर्सी पर बैठने का क्या हक है ? 

बादलों के राज में हमारे सिखी का स्तर देंखे किधर आ चुका है। मैं राजनिती से ऊपर उठकर बाते कर रहा हूँ। आज की घटना ने हमें झकझोर कर रख दिया है। ऐसे बहरूपिए को तुरंत बर्खास्त करने की जरूरत है।"

शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव ने डीएसजीएमसी के कुप्रन्धन के लिए भी सिरसा को दोषी ठहराया। 

"फर्जी-व्यक्ति, जिसका पंथ से कोई वास्ता नही, उससे संगत क्या उम्मीद कर सकती है ?

फर्जी -व्यक्ति, फर्जी अस्पताल का निर्माण करता है। फर्जी-कोविड सेंटर का निर्माण करते है। फर्जी डॉक्टरों को रखता है। फर्जी-धर्मिक कार्य करवाता है।फर्जी-संस्थान बैठाता है। फर्जी-वादे करता है। फर्जी सेवा करता है। बादलों के तथाकथित गुंडों से क्या उम्मीद कर सकते है ?

जानकारी हो कि , हाल में समपन्न डीएसजीएमसी चुनावो में सरना ने मनजिंदर सिंह सिरसा को पंजाबी बाग सीट पर तकरीबन 20% मार्जिन से करारी शिकस्त देकर , सिख जगत को चौकाँ दिया था । तदुपरांत, अकाली बादल के प्रवक्ता मनजिंदर सिरसा ने एसजीपीसी के रिफ्रेन्श के आधार पर बैकडोर एंट्री की थी। 

लेकिन एक बार फिर धार्मिक परीक्षा में असफल होने के बाद सिरसा की डीएसजीएमसी  सदस्यता खतरे में नज़र आने लगी है।