स्वतंत्र सिंह भुल्लर ,नई दिल्ली
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के चुनावो की तारीख को लेकर संशय जारी है। सूत्रों के अनुसार डीएसजीएमसी के चुनाव फिर टल सकते है, जिसको लेकर प्रमुख विरोधी पार्टी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली,सरना ने घोर आपत्ति जतायी है।
मीडिया से बातचीत करते हुए शिअदद ,पार्टी प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने बताया की सत्ताधारी बादल और उनके कुछ सहयोगियों को अपने मँडराते हार नज़र आ रहे है। इसको बचाने के लिए तथाकथित माफिया दल ने चुनावों में अड़चनें डालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। बादल दल को भी अब यह एहसास होने लगा है की अब उनके दिन बस गिने-चुने रह गए है।
" हमें अपने सोर्सेज से खबर मिली है की सुखबीर बादल के चहेते और डीएसजीएमसी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा को अपने कराए इंटरनल सर्वे में खस्ता हालत की रिपोर्ट मिली है जिसकी वजह से बादल पार्टी अपने अपने कुछ विरोधी पार्टियों के संग मिलकर दिल्ली सरकार पर लगातार दबाव बना रहे है ,जिससे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी के चुनाव समपन्न नही हो। यह सिखों के लोकतांत्रिक और पवित्र धर्मिक हकों पर प्रहार है। "
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी के पूर्व प्रधान सरना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया की वह गुरुद्वारों के धार्मिक -लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारू रूप से आगे बढाने में सहयोग करें।
"श्रीमान मुख्यमंत्री जी इस बात को समझें कि वर्तमान सत्ताधारी बादल घोर भ्रस्टाचार में लिप्त पाए गए है। बादलों के ऊपर कानून के तहत गंभीर केस चल रहे है। डीएसजीएमसी की आर्थिक और प्रबंध व्यवस्था अपनी अँतिम सांसे गिन रही है। ऐसे हालातो के बीच चुनावो को रोकने का अर्थ नही है। दिल्ली में मुख्यतः चीज़े खुल चुकी है और सुचारू रूप से चल रही है और कोविड पर भी काफी हद तक काबू पाया जा चुका है ।ऐसे समय में अच्छे प्रबधंन के द्वारा चुनाव समपन्न हो सकते है। "