दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी की ऑडिट रिपोर्ट संगत के सामने की जाए पेश : सरना

स्वतंत्र सिंह भुल्लर,नई दिल्ली

- डिलाइट कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट बाहर नही आने से उठे सवाल

- सरना ने डीएसजीएमसी के अंदर भारी हेर-फेर होने का किया दावा 

- बादल दल के काल को काले अध्याय की संज्ञा दी

 डीएसजीएमसी अपने विवादस्पद प्रबंधन नीतियों की वजह से विरोधियों के सवालो के घेरे में है। बीते शुक्रवार को, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने आनन-फानन में प्रेस वार्ता कर गुरूद्वारा कमिटी को आड़े हाथो लिया और कई सवाल कमिटी के सामने रखे। 

सरना के अनुसार डिलाइट जैसी बड़ी कंपनी से ऑडिट होने के बाद भी डीएसजीएमसी के आर्थिक रिकार्ड संगत के सामने क्यों नही प्रस्तुत किए जा रहे है । उनके अनुसार ऑडिट कराने में तरीबन 50 लाख रुपए खर्चा हुए लेकिन उनके रिकार्ड अब भी सामने नही आ रहे है । बादल दल के मनजिंदर सिंह सिरसा औऱ हरमीत सिंह कालका को इसका जवाब देना चाहिए। 

डीएसजीएमसी के प्रधान और महसचिव के पास लभगभ बराबर के अधिकार होते है। आज दिल्ली के सिख संस्थानो की हालात जर्जर है। कर्मचारियों को भगतान नही मिल रहा । जिस बाला साहिब अस्पताल की आलीशान इमारत को हमने खड़ा करके दिया था,जहाँ सिर्फ मशीने लगनी थी। जो अस्पताल 4 साल पहले शुरू होना चाहिए था, आज तक बीच मझदार में अटका है। यह सभी घोर भ्रस्टाचार के परिणाम है। हमे तो सभी कुछ इनके बारे में पता है। अब इनको खुद संगत के सामने पेश होना है। "

डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान ने दावा किया की बादल दल के काल में सिखी की सारी मर्यादाएं चोटिल हो रही है। उन्होंने इसको काले अध्याय की संज्ञा दी।