कुसुम लता, नई दिल्ली
राठौर एकता प्रकोष्ठ,अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय संयोजक दिलीप सिंह राठौर, राष्ट्रीय अध्यक्ष रतन सिंह राठौर व राष्ट्रीय महामंत्री देवीलाल राठौर ने मध्य प्रदेश के जिला मुरैना की तहसील पोरसा में नाबालिग बच्ची की एक युवक द्वारा साथियों के साथ मिलकर हत्या करने के मामले में दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहाकि आज सार्वजनिक स्थलों पर भी हमारे घरों की बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई। लगातार छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार व उनकी निर्मम हत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। दिन-प्रतिदिन सैंकडों बच्चों के साथ कुकृत्य हो रहें है।
यदि आज प्रशासन ने सक्रियता नहीं दिखाई तो अपराधिक भेडिए खुले आम घूमकर अन्य बेगुनाह मासूम बच्चियों को अपनी घातक सोच का शिकार बनाते रहेंगे।
वहीं राठौर एकता प्रकोष्ठ, अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय संयोजक दिलीप सिंह राठौर ने कहा कि अपराधियों का खुले आम घूमना हमारे समाज के लिए बेहद शर्म की बात है तथा हमारी प्रशासन व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है। बच्चों के साथ होने वाली अपराधिक गतिविधियों पर तभी लगाम लग सकती है, जब अपराधियों के विरूध सख्त रवैया अपनाया जाएगा। उन्होंने कहाकि मध्य प्रदेश के जिला मुरैना में एक 17 साल की अंजली राठौर उर्फ मोहिनी एक तरफा प्यार की शिकार हुई। जिसे दबंग युवक विशाल भार्गव( जाटव) ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। जिससे सारे क्षेत्र में हडकंप मच गया है। सभी लोग जाति-धर्म से उपर उठकर नाबालिग बच्ची की मौत का इंसाफ मांग रहें है।
दिलीप सिंह राठोर ने कहाकि मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपी पकडे गए है लेकिन आरोपियों के विरूद कार्रवाई का प्रावधान लंबा होने के कारण लोगों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के आधीन लाया जाए। तांकि मृत अंजली को इंसाफ मिल सकें।
पीडिता के परिजन रो-रोकर कानून से अपराधी के लिए सजा ए मौत मांग रहें है। वे चीख-चीखकर कह रहें है कि उनकी बेटी को इंसाफ तभी मिलेगा, जब आरोपी को फांसी की सजा दी जाएगी। श्री राठोर ने कहाकि उन्होंने पुलिस को पांच दिसंबर तक का समय दिया है।
यदि तब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हम उचित कदम उठाएंगे। इसके अतिरिक्त पीडित परिवार को पुलिस सुरक्षा, आर्थिक सहायता व कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मचारियों के निलंबन की मांग की। गौर होकि यह स्थानीय पुलिस कर्मचारियों ने जनता के दबाव व उच्च अधिकारियों के कहने पर पीडित पक्ष का दो घंटे देरी से एफआईआर रजिस्टर्ड किया। उन्होंने जनता से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की मांग की। तांकि पुलिस व प्रशासन गहनता व गंभीरता से कार्य कर सकें।