देश की जनता जागे और रहनुमाओ को जगाये तभी मिलेगा महिलाओ को न्याय


निकिता ठगुन्ना, नई दिल्ली  


 देश में महिला  सुरक्षा को लेकर रोष का माहौल  है देश की आधी आबादी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है 'जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का सिर्फ दिखावा किया जा रहा  है जबकि  सच्चाई से कोसो दूर है देश में प्रत्येक तीन मिनट में एक माहिला/लड़की का बलात्कार होता है  यह एक गंभीर राष्टीय चिंता का विषय है परन्तु इस पर ईमानदार प्रयास करने की बजाए केवल वादविवाद एवं बहस का विषय बना हुआ है़ं। महिलाओं के साथ बलात्कार के बाद हत्या जैसी  संगीन घटनाओ में लगातार इजाफा हो रहा है। हमारी न्याय प्रक्रिया इतनी जटिल है की इन्साफ पाने  में बरसो बीत जाते है और यही वो कारण है अपराधियों के मन में भय पैदा नहीं हो रहा  है जहां तक देश की तमाम महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए न अधिकारिओ के  पास सटीक फार्मूला हैं,न  सरकार के पास कोई सटीक जवाब है, न न्यायपलिका के पास इसका सटीक समाधान है तो फिर सवाल उठता है क्या महिलाओं के साथ अत्याचार ,बलात्कार या अन्य अपराधों की घटनाये होती रहेंगी  और देश इसका मुकदर्शक गवाह बनकर रह गया है क्या महिलाओं  की यही नियति बन गयी है? देश में महिलाओ के साथ जो अपराध होते हैं लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया के बाद भी सिर्फ बीस प्रतिशत पीड़िता को इन्साफ मिलता हैं। लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया के दौरान साक्ष्य सबूत मिटा दिए जाते हैं गवाहों को तोड़ दिया जाता है या फिर पीड़िता के परिवार पर बेवजह दवाब बनाया जाता है कुल मिलाकर अपराधी बरी हो जाते  हैं। जिस कारण अपराधियों के हौसले बुलंद होते है और अपराध की अगली श्रंखला बनती चली जाती है जरूरत हैं महिला अपराध के प्रति  एक राष्ट व्यापक जागरूकता फैलाने की तथा अभियुक्त को स्पीडट्रायल के तहत कम से कम समय मे सजा देने की पर प्रश्न उठता है की इसकी शुरुवात कौन  करेगा ?हमारी संसद कानून बनाती है 75 % जनप्रतिनिधि संगीन अपराधों की गिरफ्त में आखिर वही इस तरह का क़ानूनलाकर अपने हाथो से अपने गले में फांसी का फंदा क्यो डालेंगे? एक और अहम सवाल यह है की आपराधिक मामलो एवं इन्साफ में ऊँचे रसूख एवं दबंग लोग अपनी ताकत क बदौलत पाक साफ निकल जाते हैं परतुं सजा के हक़दार वही लोग बनते हैं जो निम्न वर्ग से आते हैं।  यह भी न्याय के रास्ते में एक बड़ा अन्याय  है। ऐसी स्थति में सरकार एवं अदालत से आम लोगो का भरोसा उठना लाज़िमी हैं। विश्व में कही भी बड़ा बदलाव तभी आता है जब वहाँ  की जनता जागती हैं और देश  के रहनुमाओ को बदलाव लाने  के लिए मजबूर कर देती हैं। इसलिए देश की जनता को जागना होगा एवं सोते हुए सिस्टम को जगाना होगा नहीं तो महिलाओं पर अत्याचार का मामला बढ़ता रहेगा और देश की बेटियां बेवज़ह अपनी जान गवाती  रहेगी।