बूथ प्रवंधन के सहारे घर- घर तक  पहुँचने  की भाजपा की तैयारी


डीएडी न्यूज, नई दिल्ली
तीन महीने बाद दिल्ली विधान सभा का चुनाव होना है। भाजपा हर हाल में दिल्ली में अपनी वापसी चाहती है। भाजपा ने तीन स्तर पर चुनाव की तैयारी को लेकर रणनीति बना ली है। पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।  वह सीधा निशाने पर तीर मारने की मजवूत नीति पर काम कर रही है। बूथ को मजबूत कर और घर-घर तक अपनी पहुंच बनाकर आप को मात देने की तैयारी में पार्टी जुट गई है। बूथ प्रवंधन विभाग दिल्ली प्रदेश भाजपा लगातार इस दिशा में आगे बढ़ रही है और बूथ प्रवंधन की कई बैठकों में महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये है। त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत आगे की रणनीति को अंजाम देने के लिए निर्णय लिए गए है। शहरी केन्द्र प्रमुख,पंच परमेश्वर और गठ प्रमुख की तैनाती कर भाजपा जन -जन तक पहुंचने और जोडने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। 
भाजपा के लगभग 3700 शहरी केन्द्र प्रमुखों को इस काम में लगाया गया है।  शहरी केन्द्र प्रमुखों को भाजपा के नये सदस्यों से तालमेल स्थापित करना एवं पंच परमेश्वरों की तैनाती करने की जिम्मेदारी है। उन्हें प्रत्येक बूथ पर कम से कम 100 नये मतदाता बनाने का लक्ष्य दिया गया है। शहरी केन्द्र प्रमुख के कार्यक्षेत्र में स्थानीय आर डब्ल्यू ए, माकेर्ट एसोसिएशन धार्मिक संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से जोडने का भी जिम्मा है। पंच परमेश्वर में प्रत्येक बूथ पर पांच कार्यकर्ताओं की टीम गठित की गयी है। वह बूथ स्तरीय गतिविधियों को संचालित करेंगे तथा बूथ प्रमुख को इसकी जानकारी देगे । वी एलए - 2 को यह जिम्मेवारी दी गई है कि वह मत दाता सूची की जांच कर नयें लोगों को मतदाता बनाये। सबसे निचले स्तर पर गुट प्रमुखों को तैनात किया गया है, जो 10 घरों के नियमित संपर्क में रहकर पार्टी के अनुकूल वातावरण  बनाएंगे । सभी स्तरों पर सभी पदाधिकारी  एवं कार्यकर्ताओं की  तैनाती का काम दिसंबर के अंत तक कर लिया जाएगा।  इसके उपरांत जनवरी के पहले सप्ताह में सभी विधानसभा क्षेत्रों में गढ प्रमुखों का सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। दिल्ली प्रदेश बूथ प्रबंधक विभाग के प्रधान धर्मवीर सिंह ने काफी लंबे समय से बूथ को मजबूत करने की दिशा में काफी सराहनीय प्रयास किए हैं। पिछले संसद के चुनाव में बूथ प्रबंधक की रणनीति का असर देखने को भी मिला। भाजपा जिस तरह से फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ी चुनौती  साबित होगी।