पूरी रात गूंजे राग,  बजा तबला, संगीत की मधुर ध्वनि में बीती रात

 


महेंद्र कुमार, नई दिल्ली
यह बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिला दिल्ली के इंदिरा गांधी कला केंद्र में यहां हाल ही में रातभर चलने वाले सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह देश की एकमात्र संस्था है जो अपने स्थापना दिवस के अवसर पर अखिल रात्रि सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम का आयोजन करती है। यह तीसरी बार था जब अखिल रात्रि संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ और दिल्ली समेत देशभर के कला और संगीत प्रेमियों ने रातभर गुलाबी ठंड में संगीत का आनंद लिया। जब संगीत कार्यक्रम की शुरुआत शाम 7:00 बजे हुई तो पूरा हॉल खचाखच भर गया. लोगों को बैठने तक की जगह नहीं रही. संगीत कला में रुचि रखने वाले लोगों ने खड़े होकर मधुर संगीत को सुना. कार्यक्रम में पूरी रात गूंजे राग,  बजा तबला, मृदंग और पखावज. इस अखिल रात्रि संगीत कार्यक्रम में सात प्रस्तुतियां हुईं। संगीत कार्यक्रम का शुभारंभ रंजनी-गायत्री बहनों के कर्नाटक शैली के गायन से हुई। रंजनी-गायत्री ने इस प्रस्तुति को लेकर कहा कि इस तरह के संगीत सभा का मौहाल ध्यान और चिंतनशील शैली का होता है और जो राग आप दिन में प्रस्तुत नहीं कर सकते उन्हें प्रस्तुत करने और सुनने का रात्रि में ये सबसे अच्छा मौका होता है। 



रंजनी और गायत्री बहनों ने कहा कि भारत में अब इस तरह की परंपरा लगभग खत्म होने की कगार पर है और 2017 से इंदिरा गांधी कला केंद्र की इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करने की ये अच्छी और सराहनीय पहल है। दोनों बहनों के वॉयलिन की धुन व मृदंगम की ताल पर अपने जुगल गायन से श्रोता इस रातभर चले संगीत समारोह में  जमकर झूमे। 
रंजनी-गायत्री बहनों ने लगभग ढाई घंटे की प्रस्तुति दी। जिसमें राग कबीर, हंसध्वनि और राग वृंदावन पर आधारित बन्दिशें प्रमुख थी। इसके बाद प्रख्यात सरोद वादक बसंत काबरा ने  माहौल सुरमय बनाया। त्रिपुरा से आए रवींद्र भारती ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन कि प्रस्तुत दी। पूरी रात चलने वाले इस कार्यक्रम में आधी रात के बाद दिल्ली के पांच युवा कलाकार, ज़हीन खान- तबला, मुद्दसर-सारंगी, वरुण राजशेखरन-घटम, मनोहर बालचंद्रने - मृदंगम, सलमान खान-पखावज पर अपनी-अपनी संयुक्त प्रस्तुतियां दी। 


इस अवसर पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि यह केंद्र पुरानी परंपराओं को जीवित रखने में प्रयासरत है और इसी कड़ी में दिल्ली के संगीत प्रेमियों हेतु केंद्र पिछले 2 साल से लगातार रात भर चलने वाली संगीत कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस वर्ष फिर से हमने अपने स्थापना दिवस के अवसर तृतीय अखिल रात्रि संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि जब रात भर चलने वाले इस संगीत समारोह को शुरू किया गया तो मन में थोड़ा संशय था कि क्या आज के समय में इस प्रकार के समारोह सफल होंगे भी या नहीं? लेकिन आज तीसरे वर्ष में यहां सैकड़ों कि संख्या में मौजूद श्रोताओं को देखकर मन खुश है जिसमें भारी संख्या युवाओं की है। साथ ही डॉ सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से हमें एक मौका भी मिलता है कि हम युवा कलाकारों को आगे बढ़ा सकें, उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में हमने कई युवा कलाकारों को मौका दिया है. जो अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं.


रातभर चले इस संगीत समारोह में अदनान खान ने सितार पर राग मालकोश कि प्रस्तुति दी। उन्होंने सितार में उस्ताद आमिर खान साहब कि बंदिश “आज मोरे घर आए” बजाया तो दर्शक झूम उठे। बेंगलुरु से आए प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित प्रवीण गोदखिंडी ने दिन के प्रथम पहर में बांसुरी पर राग अहीर ललत की प्रस्तुति दी । इस समारोह कि अंतिम प्रस्तुति मेवात घराने के पंडित संजीव अभ्यंकर द्वारा हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन कि थी, जिसमें उन्होने 'राग मिया कि टोडी' राग भटियारी में भगवान कृष्ण पर आधारित बन्दिशों को प्रस्तुत किया। रात भरे चले इस समारोह का शुभारंभ 23 नवंबर को शाम 7 बजे रंजनी-गायत्री के गायन से हुआ व 24 नवंबर की सुबह 7:30 बजे संजीव अभयंकर के गायन से समाप्त हुआ । इस अखिल रात्रि संगीत कार्यक्रम ने लोगों के साथ संगीत से नाता जोड़ने का प्रयास किया. रात के सन्नाटे और हल्की ठंड के बीच संगीत की मधुर ध्वनि ने लोगों का मन मोह लिया.कार्यक्रम सुबह जब खत्म हुआ तब लोगों को पता ही नहीं चला कि कब 12 घंटे बीत गए. इस कार्यक्रम को लेकर केंद्र के माध्यम से लंबी तैयारी की गई. बहुत ही सुंदर ढंग से कार्यक्रम को आयोजित किया गया.कला और संगीत प्रेमियों को सर्दी ना लगे इसके लिए कार्यक्रम प्रांगण में हीटर भी लगवाए गए. इस प्रकार के कार्यक्रम से हमारी संस्कृति से रूबरू होने का मौका युवाओं को मिल रहा है.