12  ज्योतिर्लिंग यात्रा का हुआ स्वागत



सीम अहमद,डीएडी न्यूज, बिजनौर


स्योहारा में सदियों की दासता के बाद, भारत भूमि को राष्ट्रवादी धर्मनिष्ठ राज्यसत्ता की उपलब्धि प्राप्त हुई है। इस अदभुद उपलब्धि पर भारत के जनमन को अभिनन्दन करने के साथ-साथ राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरण का उद्देश्य लेकर नित्यानंद आश्रम के संत श्री नर्मदा नंद जी महाराज ने 12 ज्योतिर्लिंग केदारनाथ से काशी विश्वनाथ, बैजनाथ महादेव, रामेश्वरम, श्री शैलम, भीमा शंकर, घृष्णेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, सोमनाथ महादेव, नागेश्वर, उज्जैन होते हुए औकांरेश्वर की 12-14 माह की 14000 किमी की पदयात्रा  का संकल्प लिया है। उनकी यह राष्ट विजय धर्मयात्रा 29 सितंबर, 2019 को गंगोत्री धाम से मां गंगा के पवित्र जल को लेकर प्रारंभ हुई है।   देश के सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग पर होमात्मक महारुद्र यज्ञ तथा दो बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 श्री नर्मदानंद जी महाराज राष्ट्र धर्म विजय यात्रा में प्रत्येक रात्रि विश्राम स्थल पर सत्संग के माध्यम से जहां राष्ट्र, धर्म और गौमाता की सुरक्षा के लिए जन जागरण करते हैं, वहीं रात्रि विश्राम के पश्चात अगले दिन प्रातः काल पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधारोपण  करने के बाद ही अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।पूजनीय महाराज जी पदयात्रा द्वारा अपने साथ लिए अद्भुत स्फटिक शिवलिंग एवं 15 शिष्यों के साथ सांय 5 बजे विश्नोई मंदिर, निकट - सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्योहारा में पहुंचे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, स्योहारा नगर के नगर कार्यवाहक अर्पित त्यागी, स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विपिन कुमार राणा, धर्म जागरण विभाग के विभाग संरक्षक डॉ मनोज वर्मा, उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार रस्तोगी, उद्योगपति संजय जैन, वरिष्ठ पत्रकार कान्ता प्रसाद पुष्पक, अमित शर्मा, मनोज भटनागर, रुपम त्यागी, गौरव रस्तोगी, वैभव रस्तोगी, अन्तराम सिंह, नीलम सिंह चैहान, प्राशु नेगी, बलराम जोशी, संदीप शर्मा, विपिन शर्मा आदि द्वारा पूजनीय महाराज जी का स्वागत किया गया। नगर की संघ कार्यकारिणी द्वारा उनके खान-पान एवं रहन-सहन की उचित व्यवस्था की गयी एवं नगरवासियों ने रात्री एवं प्रातः काल में पूजनीय महाराज जी के दर्शन किये एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।  प्रातः अर्पित त्यागी, डाॅ विनीत देवरा, विश्नोई मंदिर के महंत और नगरवासियों के साथ वृक्षारोपण कर 7ः 30 बजे पूजनीय महाराज जी अपने आगे के गन्तव्य की ओर निकल गये।