ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का मुख्य कारण

महेन्दर, नई दिल्ली
भारत में हर साल 15 लाख से अधिक लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं। हर 20 सेकेंड में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहा है। स्ट्रोक की वजह से जान जा रही है। हर 2 मिनट में एक व्यक्ति मौत का शिकार हो रहा है। 90 फ़ीसदी लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही इन मामलों में  दम तोड़ देते हैं। भारत के नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की स्थिति तो बहुत खराब है। यहां स्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में 25% लोग स्ट्रोक की बीमारी से जूझ रहे हैं। दिल्ली के एम्स अस्पताल में वर्ल्ड स्ट्रोक डे के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। प्रेस को संबोधित करते हुए डॉ पद्मा श्रीवास्तव ने बताया कि देश में युवा भी अब स्टॉक के शिकार हो रहे हैं।इसका मुख्य कारण खानपान में होने वाला बदलाव है। स्ट्रोक के बाद सिटी स्कैन मिलना बहुत जरूरी है लेकिन कई मामलों में सीटी स्कैन नहीं हो पाता है। स्ट्रोक होना ठीक वैसे ही है जैसे कि किसी व्यक्ति को हार्ड अटैक हो ना या फिर मिर्गी का होना इन तमाम मामलों में मरीज के परिवारों को पता नहीं होता है। कि उन्हें क्या करना है। स्टोक आने के बाद मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर जाने की जरूरत होती है। लेकिन देश में एक बड़ा वर्ग जानकारी के अभाव में है। लोगों को पता ही नहीं है कि स्टॉक होता क्या है। लोग स्ट्रोक को अन्य बीमारी समझ लेते हैं। डॉ रोहित भाटिया ने कहां की स्ट्रोक की जानकारी लोगों को होना बहुत जरूरी है। स्ट्रोक होने से पहले व्यक्ति  अन्य कई  क्रियाओं से गुजरता है ।जैसे कि उसको बोलने की समस्या होती है। उसकी आंखों के सामने अंधेरा आ जाता है। अगर इस प्रकार के संकेत  देखने को मिलते हैं तो व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया जाना चाहिए। भारत और दुनिया में स्टॉक के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं। उच्य रक्त चाप (ब्लेड प्रेसर), डायवटीज़ (शुगर), दिल से सम्बंधित बिमारियों,धूम्रपान,मदपान और किसी भी रूप में तम्बाकू के सेवन करने वालों में ये खतरा ज्यादा रहता है। एक -हाथ पैर में अचानक कमजोरी आना, बोलने में दिक्कत होना, धुंधला दिखना, अचानक बेहोश होना और लड़खड़ाना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।